आनेवाले चार दिनों में हम देश का स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे। बाबासाहेब ने लिखी हुई राज्यघटना थी, इसीलिए हम एक गणतंत्र, सार्वभौम राष्ट्र के रूप में विश्व भर में पहचाने जा सके। ‘जब तक सुरज चांद रहेगा, बाबासाहब का संविधान रहेगा’, बाबासाहब के संविधान के प्रति आदर बढ़ें, सामाजिक न्याय की भावना अधिक दृढ हों, इसके लिए प्रत्येक तहसील में संविधान भवन का निर्माण किया जाएगा, ऐसी घोषणा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज यहाँ पर की। साथ ही शहर का डीपी प्लॅन सभी के हित में होगा और वहीँ करेंगे, यह आश्वासन भी उन्होंने इस दौरान शहरवासियों को दिया।
छत्रपति संभाजीनगर स्थित टीवी सेंटर चौक में आज मुख्यमंत्री कृतज्ञता समारोह आयोजित किया गया था। इस समारोह में अजिंठा लेणी के नीचे (पायथ्याशी) विश्व स्तर का बुद्ध विहार विपश्यना केंद्र का निर्माण और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के पुर्णाकृति प्रतिमा के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये, भडकल गेट पर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर प्रतिमा सौंदर्यीकरण के लिए पांच करोड़ रुपये, टीवी सेंटर में छत्रपति संभाजी महाराज प्रतिमा और अशोक स्तंभ के निर्माण के लिए पांच करोड़ रुपये, डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर ग्रंथालय के लिए 25 करोड़ रुपये, डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर रिसर्च सेंटर डिजिटल प्रोजेक्ट के लिए 25 करोड़ रुपये, तारांगण के लिए 10 करोड़ और पिछड़ावर्गीय औद्योगिक सहकारी संस्था के जरिये बेरोजगारों को मदद ऐसे विविध विकास परियोजनाओं को निधि देने पर आज आंबेडकरी समाज समिति ओर से मुख्यमंत्री श्री. शिंदे के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गई।
इस समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव, राज्य के पणन व अल्पसंख्यक विकास व औकाफ मंत्री तथा जिले के पालक मंत्री अब्दुल सत्तार, गृहनिर्माण मंत्री अतुल सावे, सांसद संदिपान भुमरे, विधायक प्रदीप जयस्वाल, संजय शिरसाट एवं संयोजक जालिंदर शेंडगे और सभी समिति सदस्य उपस्थित थे।
कार्यक्रम के शुरुआत में छत्रपति शिवाजी महाराज और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा की पूजा की गई। उसके बाद मुख्यमंत्री शिंदे को मानपत्र देकर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गई। उसके बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने उपस्थितों से संवाद साधा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आपने कृतज्ञता समारोह आयोजित किया है। इस औचित्य पर मुझ पर प्रेम व्यक्त करनेवाले छत्रपति संभाजीनगर के आंबेडकरी जनता का तहेदिल शुक्रिया अदा करता हूँ। लेकिन कृतज्ञता व्यक्त करने जैसे कोई भी काम मैंने नहीं किया है। बल्कि मैं जो कुछ भी कर रहा हूँ वह मेरा कर्तव्य है और यहाँ पर जो कुछ कार्य हो रहें है, वह आपका अधिकार है। हम सभी बाबासाहब के महान कार्य को आगे ले जानेवाले उनके छोटे अनुयायी है। हम भाग्यशाली है की, बाबासाहब जैसे बड़े व्यक्तिमत्व हमारे महाराष्ट्र में जन्में है। हमें इस महामानव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए। आज जिस छत्रपति संभाजीनगर में मैं खड़ा हूँ, इस भूमि पर बाबासाहब के पवित्र कदम पड़ें है। बाबासाहब को इन शहरों के प्रति विशेष अपनापन था, इन शब्दों में मुख्यमंत्री श्री. शिंदे ने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के प्रति अपनी भावना व्यक्त की।
मुख्यमंत्री श्री. शिंदे ने कहा कि आज हम विश्व प्रसिद्ध अजिंठा लेनी के नीचे (पायथ्याशी) सुंदर ऐसे बुद्ध विहार, विपश्यना केंद्र का निर्माण करेंगे। बाबासाहब की प्रतिमा का निर्माण कर रहे है। शहर के प्रत्येक झोपडपट्टी में ग्रंथालय (वाचनालय), रिसर्च सेंटर का डिजिटल प्रोजेक्ट, तारांगण सेंटर, पिछडे उद्योजकों को खुद के पैरों पर खड़ा करना ऐसी विविध गतितिविधियां हम चला रहें है। इस सभी से प्रेरणा मिलें, यहीं हमारा उद्देश्य है।
बाबासाहब द्वारा लिखे संविधान पर हमारा देश चलता है। चार दिनों में देश का 78 वां स्वतंत्रता दिन है। बाबासाहब की घटना थी इसीलिए हम एक गणतंत्र, सार्वभौम राष्ट्र के रूप में पहचाने जाते है, इसलिए संविधान बदलने के अपप्रचार को बहकावें में न आये, यह बताते हुए ‘जब तक सुरज चांद रहेगा, बाबासाहब का संविधान रहेगा’, इन शब्दों में संविधान के प्रति गौरव व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि यह सरकार दुर्बल, पिछड़े, श्रमिक, मजदुर, गरीबों की है. इस साल बजट में एक लाख करोड़ रुपये की योजनाएं लागू की है। उसमें से 45 हजार करोड़ तो राज्य की मेरी भगिनियों को बैंक खाते में जमा होंगे. ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना’, ‘युवा कार्य प्रशिक्षण’, सालाना तीन सिलिंडर देनेवाली ‘मुख्यमंत्री अन्नपुर्णा योजना’ शुरू की. लड़कियों की संपूर्ण शिक्षा मुफ़्त की। दुर्बलों को मदद करना, उनका जीवन सुखद करना यह सरकार की जिम्मेदारी है और महाराष्ट्र यहीं मेरा परिवार है, इन शब्दों में उन्होंने उपस्थितों के प्रति अपनापन व्यक्त की।
उन्होंने बताया कि मुंबई में इंदू मिल में बाबासाहब का अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्मारक का निर्माण का तेजी से शुरू है। बार्टी के 861 छात्रों को हमने फेलोशिप मंजूर की। बार्टी, सारथी, महाज्योति, अमृत, टीआरटीआय इन संस्थाओं को फेलोशिप, विदेशी फेलोशिप इन योजनाओं में समानता लायी। संजय गांधी, श्रावणबाळ योजना में निवृत्तिवेतन बढाया। राज्य के 73 अनुसूचित जाति और नवबौद्ध वर्गों को, बस्ती को नया रूप दिया जा रहा है। संत रोहिदास चर्मोद्योग व चर्मकार विकास महामंडल, लोकशाहीर अण्णा भाऊ साठे विकास महामंडल के माध्यम से गरीब, पिछड़े, दुर्बल लोगों को मुख्य प्रवाह में लाने की बात कहते हुए सरकार के जरिये पिछडे वर्ग के विकास के लिए चलाई जा रहें योजनाओं की जानकारी भी उपस्थितों को दी।
उन्होंने बताया कि जिले के पर्यटन को गति देनवाले जलगांव, जालना इस महामार्ग के निर्माण के लिए सरकार की ओर से दिए जानेवाले 3552 करोड़ रुपये हिस्से को भरने को भी स्वीकृति दी है। साथ ही छत्रपति संभाजीनगर शहर के विकास प्रारुप को लेकर कहते हुए उन्होंने कहा कि सभी के हित का विचार करनेवाला विकास प्रारूप हम तैयार करें, यह घर देनेवाली सरकार है, लोगों का घर छिननेवाली नहीं, यह आश्वासन भी उन्होंने इस अवसर पर दिया।
कार्यक्रम का प्रास्ताविक गौतम खरात ने किया। गृहनिर्माण मंत्री अतुल सावे, विधायक प्रदीप जयस्वाल, सांसद संदिपान भुमरे ने भी अपने विचार व्यक्त किये। पंचशिला भालेराव ने ‘शिंदे साहेबांनी आणली लाडकी बहीण योजना’ यह गीत प्रस्तुत किया। इस समारोह में बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। इनमें महिलाओं की उपस्थिति लक्षणीय थी. प्रविणा कन्नडकर ने सूत्रसंचालन किया।