ईरान के परमाणु प्रमुख मोहम्मद एस्लामी ने कहा है कि एकतरफा क्रूर प्रतिबंधों के बावजूद, देश ईरानी लोगों की भलाई को बढ़ावा देने के लिए परमाणु विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में “शांतिपूर्ण” गतिविधियां जारी रखेगा।

ईरानियन स्‍टूडेंट्स न्‍यूज एजेंसी के अनुसार, ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) के अध्यक्ष एस्लामी ने सोमवार को ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के 67वें आम सम्मेलन को संबोधित करते हुये यह टिप्पणी की।

उन्होंने कहा कि ईरान योजना के अनुसार परमाणु अनुसंधान रिएक्टरों, त्वरक और विकिरण प्रणालियों के शांतिपूर्ण डिजाइन और विकास जारी रखेगा, और 2040 तक अपनी परमाणु बिजली उत्पादन को प्रति वर्ष 20 हजार मेगावाट तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि ईरान आईएईए और परमाणु अप्रसार संधि के साथ हुए सुरक्षा उपायों के समझौते के तहत अपने दायित्वों के प्रति प्रतिबद्ध है। उसने एजेंसी के लिए देश के परमाणु कार्यक्रम का सत्यापन आसन बनाने में सक्षम बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है।

उन्होंने आगे कहा, तेहरान को गंभीरता से उम्मीद है कि आईएईए ईरान की गतिविधियों पर अपनी सत्यापन रिपोर्ट में तटस्थता और व्यावसायिकता बनाए रखेगा, इस संबंध में यथार्थवादी दृष्टिकोण अपनाएगा और दोनों पक्षों के बीच कई मतभेदों से संबंधित मामले को जल्द से जल्द बंद कर देगा।

ईरान ने जुलाई 2015 में विश्व शक्तियों के साथ परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसे औपचारिक रूप से संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के रूप में जाना जाता है। इसमें वह देश पर प्रतिबंधों को हटाने के बदले में अपने परमाणु कार्यक्रम पर कुछ अंकुश लगाने पर सहमत हुआ था। हालाँकि, अमेरिका ने मई 2018 में समझौते से हाथ खींच लिया और तेहरान पर अपने एकतरफा प्रतिबंध फिर से लगा दिए। मजबूरन ईरान ने भी समझौते के तहत अपनी कुछ परमाणु प्रतिबद्धताओं को छोड़ दिया।

जेसीपीओए के पुनरुद्धार पर वार्ता अप्रैल 2021 में ऑस्ट्रिया के वियना में शुरू हुई। कई दौर की बातचीत के बावजूद, अगस्त 2022 में आखिरी दौर की समाप्ति के बाद से कोई महत्वपूर्ण सफलता नहीं मिली है।

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