दिल्ली पुलिस ने एक ऑडियो संदेश रिकॉर्ड व प्रसारित करने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस ऑडियो में प्रगति मैदान से भारतीय ध्वज हटाने की धमकी दी गई थी, जहां सितंबर में जी20 सम्मेलन होना है। यह मामला उस व्यक्ति की शिकायत पर दर्ज किया गया है, जिसे दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचने पर उसके फोन पर पहले से रिकॉर्ड किया गया यह संदेश मिला था।

बता दें कि सितंबर में G-20 मीटिंग का बड़ा आयोजन प्रगति मैदान में होना है। जी-20 से संबंधित कई मीटिंग दिल्ली के इसी प्रगति मैदान में होनी हैं। इसको लेकर प्रगति मैदान में तैयारियां भी जोरों से चल रही हैं। इस दौरान विश्वभर के शीर्ष नेता इस मीटिंग में हिस्सा लेंगे। जी-20 की बैठक को लेकर दिल्ली पुलिस पहले से ही अलर्ट है। वहीं, अब प्रगति मैदान में खालिस्तानी समर्थक की धमकी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने जांच तेज कर दी है।

पुलिस ने कहा कि संदेश में कथित खालिस्तान समर्थक प्रगति मैदान पर कब्जा करने और भारतीय झंडे को हटाने की बात कर रहा था। बाद में, उस व्यक्ति ने कथित तौर पर ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी हवाई अड्डा (आईजीआई) थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 153ए (धर्म आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 (सार्वजनिक रूप से शरारतपूर्ण बयान देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। अधिकारी ने कहा कि मामला दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ को भेज दिया गया है।

इसी महीने चार तारीख को हरियाणा के अंबाला जिले में अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे पर बने एक पुल पर खालिस्तानी झंडा मिला था। इस मामले में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने बताया था कि अंबाला शहर के पास शंभू टोल प्लाजा के पास बने पुल पर खालिस्तान के समर्थन में नारे भी लिखे देखे गए। इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है।

इतना ही नहीं खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल पर कार्रवाई से तिलमिलाए समर्थकों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने उग्र प्रदर्शन किया था। 19 मार्च को उपद्रवियों ने भारतीय उच्चायोग पर भारत का झंडा हटाकर खालिस्तानी झंडा लगा दिया था। हालांकि, थोड़ी देर बाद तिरंगे को फिर से लहराया गया। इसके बाद 22 मार्च को भी खालिस्तान समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया था। इस दौरान उपद्रवियों ने सुरक्षाकर्मियों पर बोतलें भी फेंकी थीं। पुलिसवालों से उनकी धक्का-मुक्की हुई थी। वहींं सैन फ्रांसिस्को में भी खालिस्तानी झंडे लहराए गए थे।

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