भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को पूर्व एमएलसी(MLC) यशवंत सिंह का निष्कासन खत्म कर दिया है। इसके लिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की तरफ एक पत्र जारी किया गया है। यशंवत सिंह घोसी से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। यशवंत सिंह के चुनाव लड़ने से एनडीए प्रत्याशी को नुकसान हो सकता था। इस सीट से एनडीए प्रत्याशी और सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर के बेटे अरुण राजभर चुनावी मैदान में हैं। वहीं, सपा ने राजीव राय को टिकट दिया है।
यूपी विधान परिषद चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी काम करने के कारण यशवंत सिंह को भाजपा ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। बीजेपी ने पूर्व विधायक अरुणकांत यादव को यूपी विधान परिषद चुनाव में आजमगढ़- मऊ सीट से मैदान में उतारा था। उस समय एमएलसी यशवंत सिंह ने पार्टी से विद्रोह कर अपने पुत्र विक्रांत सिंह को निर्दलीय मैदान में उतार दिया था।
इसके बाद 04 अप्रैल 2022 को यशवंत सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया था। चुनाव में अरुणकांत को हार का सामना करना पड़ा था। विक्रांत सिंह चुनाव जीतने में सफल रहे थे। अरुणकांत यादव सपा विधायक और बाहुबली रमाकांत यादव के बेटे हैं।
यशवंत सिंह की गिनती मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी नेताओं में होती थी। 2017 में योगी के सीएम बनते ही उन्होंने सपा छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। यही नहीं बीजेपी ने सबको दरकिनार करते हुए यशवंत सिंह को एमएलसी का टिकट दिया था। यशवंत सिंह सपा से पहले बसपा में भी रहे हैं।