सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच अब भी ‘कुछ अंश’ तक गतिरोध बरकरार है और दोनों पक्षों को बैठकर इस मुद्दे पर व्यापक समझ बनाने की जरूरत है कि स्थिति को कैसे शांत किया जाए।

जनरल द्विवेदी ने एलएसी पर स्थिति को संवेदनशील लेकिन स्थिर बताया।

कोर कमांडरों को अब गश्त और मवेशियों को घास चराने से संबंधित ‘मामूली’ मुद्दों या ‘मामूली विवादों’ को हल करने की शक्तियां सौंपी गई हैं ताकि वे बाद में ‘बड़ा मुद्दा’ ना बनें।

सेना प्रमुख ने 15 जनवरी को सेना दिवस से पहले कहा, बफर जोन नाम की कोई चीज नहीं है क्योंकि हिंसा की संभावना से बचने के लिए कुछ क्षेत्रों में गश्त पर अस्थाई रोक लगा दी गई है।

अप्रैल 2020 में टकराव शुरू होने के बाद से क्षेत्र में आए बदलावों की चर्चा करते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा, दोनों पक्षों ने क्षेत्र से ‘छेड़छाड़’ की है, निर्माण कार्य किए, सैनिकों की तैनाती की और सैन्य साजोसामान का भंडारण किया।

उन्होंने कहा, इसलिए, इसका मतलब यह है कि (अब भी) ‘कुछ अंश’ तक गतिरोध है। अब चूंकि आपने अप्रैल 2020 के बाद स्थिति बदल दी है, इसलिए दोनों देशों के बीच विश्वास की एक नयी परिभाषा होनी चाहिए।

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