पुनर्विकसित अयोध्या रेलवे स्टेशन ‘हवाई अड्डे जैसी’ सुविधाओं से लैस है, जबकि इसका सामने का हिस्सा पारंपरिक मंदिर वास्तुकला से प्रेरित है। पुरानी इमारत के बगल में बनी स्टेशन की नई इमारत का उद्घाटन 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। बुधवार को विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले तैयारियों का जायजा लिया। कुछ साल पहले शुरू हुआ पुनर्विकास कार्य रेल मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ‘राइट्स’ (रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस) लिमिटेड द्वारा किया गया है। राइट्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुनर्विकसित अयोध्या रेलवे स्टेशन यात्रियों को हवाई अड्डे पर मिलने वाली आधुनिक सेवाओं से लैस है। वहीं, दूसरी तरफ स्टेशन की नई इमारत का अग्रभाग पारंपरिक वास्तुकला और राम मंदिर की झलक बताता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नाम ना जाहिर करने की शर्त पर एक न्यूज एजेंसी को बताया कि इमारत के अग्रभाग में बलुआ पत्थर की परत वाला एक स्तंभ है। इसके किनारे के छोर पर ऊंचे गोल खंभे हैं, जिनमें पारंपरिक रूप देने के लिए फिर से बलुआ पत्थर की परत लगाई गई है। अधिकारी ने कहा कि स्टेशन के शीर्ष पर एक संरचना है जिसका डिजाइन शाही ‘मुकुट’ जैसा है, जबकि इसके ठीक नीचे एक दीवार पर धनुष का चित्रण किया गया है। यह भगवान राम के साथ अयोध्या के जुड़ाव को दर्शाता है।
अधिकारी ने कहा कि इमारत के सामने एक टैक्सी-बे है और मध्य में एक बड़ा बरामदा बनाया गया है। पुनर्विकसित स्टेशन में शिशु देखभाल कक्ष, विश्राम कक्ष, ‘फूड प्लाजा’ की सुविधाएं हैं और भविष्य में कुछ दुकानें भी खुलेंगी। स्टेशन में विशाल प्रतीक्षालय, सामान घर, शौचालय, लिफ्ट और एस्केलेटर जैसी सुविधाएं भी हैं। इसमें एक पर्यटक सूचना खिड़की भी होगी। नये स्टेशन के उद्घाटन से पहले, कर्मचारी इसके मुख्य केंद्रीय हॉल को सजाने में व्यस्त दिखे, जिसके फर्श पर पत्थर की जड़ाई का काम किया गया है और इसकी ऊंची छत के कुछ हिस्सों पर ‘पॉलीकार्बोनेट शीट’ लगी है, जो इसे नीले रंग में रंग देती है।