रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर हाल में हुई बातचीत के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य संघर्ष पर भी चर्चा की गई थी। क्रेमलिन के अधिकारी यूरी उषाकोव ने यह जानकारी दी है।
उषाकोव ने दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच हुए संवाद की जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार को हुई बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन पर चर्चा की तथा कुछ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने उषाकोव के हवाले से बताया,‘‘उन्होंने पश्चिम एशिया और भारत तथा पाकिस्तान के बीच सशस्त्र संघर्ष पर भी चर्चा की, जिसे राष्ट्रपति ट्रंप की निजी हस्तक्षेप से रोका गया।’’
उषाकोव ने हालांकि,इसकी विस्तृत जानकारी नहीं दी।
ट्रंप ने बार-बार दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष को रोका है। हालांकि, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष रोकने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी।
इस बीच, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विशेष सहयोगी सैयद तारिक फातमी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन से भारत के साथ संघर्ष को सुलझाने में सहायता करने का आग्रह किया है।
फातमी ने मंगलवार को मॉस्को में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की और पुतिन के लिए शरीफ का एक पत्र सौंपा।
उनकी यात्रा, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सांसद कनिमोई करुणानिधि के नेतृत्व में भारत के सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के अत्यंत सफल दौरे के कुछ दिनों बाद हुई है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान प्रायोजित सीमापार आतंकवाद के बारे में जानकारी दी और उसे आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की भारत की नीति के प्रति रूस का ठोस समर्थन प्राप्त हुआ।
फातमी ने बुधवार को कहा, ‘‘मैंने रूसी विदेश मंत्री लावरोव से मुलाकात की। मैंने उन्हें हमारे प्रधानमंत्री द्वारा पुतिन के नाम लिखा एक पत्र सौंपा। हमने उनसे कहा कि वे अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके यह सुनिश्चित करें कि भारत और पाकिस्तान बातचीत की मेज पर बैठें और एक कूटनीतिक समाधान पर पहुंचें।’’
‘तास’ की खबर के मुताबिक उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पाकिस्तान रूस की ओर से किसी भी पहल का इंतजार कर रहा है, जिससे भारत के साथ तनाव कम करने में मदद मिलेगी।