पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में शहबाज सरकार भीषण जुल्म कर रही है और अब एक पत्रकार को उनके घर से अगवा कर लिया गया है, जिन्होंने खुलासा किया था, कि कैसे पाकिस्तान, पीओके में बर्बरता कर रही है और अपना हक मांगने वाले लोगों को कुचल रही है।
कश्मीरी पत्रकार अहमद फरहाद, जो शहबाज शरीफ सरकार के आलोचक हैं और जिन्होंने यह उजागर किया था, कि कैसे उनकी सरकार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के निवासियों का दमन कर रही है, उनका उनके आवास से अपहरण कर लिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पत्रकार अहमद फरहाद को बुधवार को सुरक्षा बलों ने इस्लामाबाद स्थित उनके आवास से अगवा कर लिया है। फरहाद, पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) के बाग इलाके के रहने वाले हैं और इस क्षेत्र में हालिया अशांति पर उन्होंने अपनी रिपोर्टिंग में बताया था, कि कैसे शहबाज सरकार आम लोगों के प्रदर्शन को कुचल रही है और कैसे पीओके के लोगों को उनके हक के महरूम रखा गया है।
पत्रकार के अपहरण के खिलाफ इस्लामाबाद में आयोजित एक विरोध रैली के दौरान, पत्रकार फरहाद की पत्नी ने एक भावुक अपील की है, जिसमें सभी कश्मीरियों और संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी से उनकी तत्काल रिहाई के लिए आवाज उठाने का आग्रह किया गया है।
उन्होंने कहा, कि “पीओजेके में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे थे और अहमद फरहाद इसकी रिपोर्टिंग कर रहे थे। वह पीओजेके की स्थिति के बारे में बहुत मुखर थे। मैं सभी कश्मीरियों और संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी से उनकी तत्काल रिहाई के लिए आवाज उठाने का आग्रह करती हूं।”
पत्रकार फरहाद के अपहरण से राजनीतिक अस्थिरता और मानवाधिकार संबंधी चिंताओं से जूझ रहे पहले से ही अस्थिर क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है।
पीओजेके के मानवाधिकार कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया है, कि मुजफ्फराबाद में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। अशांति फैलाने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और दंगों में भाग लेने के आरोप में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मिर्जा ने आगे खुलासा किया, कि पीओजेके सरकार कथित तौर पर उन लोगों के खिलाफ एक व्यापक कार्रवाई योजना तैयार कर रही है, जिनके बारे में माना जाता है, कि उन्होंने हाल ही में आटे के लिए हुए प्रदर्शन में हिस्सा लिया था।
पीओके में आंदोलन बिजली बिलों पर लगाए गए करों और सब्सिडी में कटौती की शिकायतों से भड़का था, जिससे स्थानीय आबादी में व्यापक असंतोष पैदा हुआ।
वहीं, अब पत्रकार के अपहरण के बाद तनाव और भड़कने की चेतावनी देते हुए मिर्जा ने कहा, कि जिस तरह से आम लोगों को अगवा किया जा रहा है, लोगों के अधिकारों को कुचला जा रहा है, उससे पाकिस्तान सरकार और नागरिक आबादी के बीच हिंसक झड़प और भड़क सकता है।
आपको बता दें, कि पीओजेके में अस्थिर स्थिति अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भीतर चिंता पैदा कर रही है और वहां बिजली दर 20 से 50 रुपये प्रति यूनिट वसूली जा रही है, जबकि पीओके में जो बिजली उत्पादन होता है, उसकी सप्लाई पाकिस्तान के बाकी हिस्सों में की जाती है, जिससे स्थानीय लोगों ने भारी आक्रोश है। लोगों के पास खाने के लिए आटा नहीं है और बुनियादी सुविधाओं के भारी अभाव ने लोगों को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है।
वहीं, यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) ने भी अहमद फरहाद शाह के अपहरण पर चिंता जताई है और उनकी रिहाई के लिए तत्काल अपील जारी की है। यूकेपीएनपी के अध्यक्ष सरदार शौकत अली कश्मीरी और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने एक बयान में कहा, “अहमद फरहाद शाह का अपहरण और जबरन गायब करना उत्पीड़ित कश्मीरियों की आवाज को चुप कराने का एक निंदनीय प्रयास है। अहमद फरहाद इस तरह से लोगों के गायब किए जाने के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं और अब उन्हीं को गायब कर दिया गया है।