लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने 400 पार का नारा दिया है। इसके तहत पीएम मोदी से लेकर भाजपा के दिग्गज नेता चुनावी प्रचार में पूरी ताकत के साथ जुटे हैं। एक चुनावी जनसभा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर करारा तंज कसा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का बिना नाम लिए निशाना साधा। पीएम मोदी ने केरल के पलक्कड़ में कहा कि कांग्रेस के एक बड़े नेता, जिनको यूपी में अपनी खानदानी सीट पर इज्जत बचाना मुश्किल हो गया तो उन्होंने केरल में अपना एक नया ठिकाना बना लिया।
पीएम मोदी ने कहा कि चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस ने उस संगठन के पॉलिटिकल विंग से बैक डोर समझौता कर लिया है, जिसको देश में देश विरोधी प्रवृत्ति के लिए बैन किया गया है। लेकिन क्या कभी आपने सुना है कांग्रेस के इन नेताओं के मुंह से कभी भी कॉपरेटिव बैंक के स्कैम के लिए कैसे पैसे लूटे गए हैं, इस पर एक शब्द बोलते सुना है क्या? कांग्रेस के ये युवराज केरल के लोगों से वोट तो मांगेंगे। लेकिन आपके हक में, आपके मुद्दों पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे।
राहुल गांधी 2004, 2009 और 2014 में अमेठी से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। लेकिन 2019 में वह केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से हार गए। प‍िछली बार की तरह वह अमेठी से भी इस बार लड़ेंगे या नहीं, यह अभी स्‍पष्‍ट नहीं है। बता दें कि वायनाड में 2019 में राहुल पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े थे। तब उन्‍हें करीब 65 प्रत‍िशत वोट म‍िले थे। 2000 में जब राहुल पहली बार अमेठी से लड़े थे, तब भी उन्‍हें लगभग बराबर (66 फीसदी) वोट ही म‍िले थे। 2009 में दूसरे चुनाव में उन्‍हें अमेठी में करीब 72 फीसदी वोट म‍िले, उसके बाद 2014 और 2019 में लगातार उन्‍हें म‍िलने वाला वोट प्रत‍िशत ग‍िरता ही गया।
अमेठी कांग्रेस की परंपरागत सीट है। साल 1980 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी ने यहां से चुनाव जीता था। राजीव गांधी साल 1981 में पहली बार इस सीट से सांसद बने। इसके बाद 1984, 1989 में भी उन्होंने यहां से चुनाव जीता। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी साल 1999 से 2004 तक इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं और राहुल गांधी 2004, 2009 और 2014 में यहां से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे।
इन तमाम सवालों के बीच कि क्या राहुल गांधी इस बार अमेठी से चुनाव मैदान में उतरेंगे या नहीं, द इंडियन एक्सप्रेस ने अमेठी के कुछ मतदाताओं से बात की। बातचीत के दौरान अमेठी में कांग्रेस से सहानुभूति रखने वाले लोग भी इस बात को मानते हैं कि राहुल ने अमेठी के पर्याप्त दौरे न करने और दूसरी सीट (वायनाड) से चुनाव लड़ने के फैसले की कीमत चुकाई है।

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