बिहार में पुल ढहना एक आम सुर्खी बन गई है। पिछले 15 दिनों में, राज्य में नौ पुल गिरे हैं, जिनमें से तीन एक ही दिन में ढह गए, जिससे सरकार हाई अलर्ट पर है। गुरुवार को सारण में एक और ढांचा ढह गया, जिससे यह संख्या 10 हो गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को एक समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को बिहार के सभी पुराने पुलों का सर्वेक्षण करने और उन पुलों की पहचान करने का आदेश दिया, जिनकी तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है।

बिहार में एक पखवाड़े में जो पुल गिरे हैं, वे किशनगंज, अररिया, मधुबनी, पूर्वी चंपारण और सीवान में हैं। इस बीच तीन जुलाई को सीवान में तीन और सारण में एक छोटा पुल टूट गया। बैठक में सड़क निर्माण विभाग (आरसीडी) और ग्रामीण कार्य विभाग (आरडब्ल्यूडी) के अधिकारियों को पुरानी संरचनाओं का उचित रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए कहा गया। बिहार में बुनियादी ढांचे की स्थिति ने विपक्ष को नाराज कर दिया है और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने राज्य में सत्तारूढ़ सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

तेजस्वी यादव ने लिखा कि 4 जुलाई यानि आज सुबह बिहार में एक पुल और गिरा। कल 3 जुलाई को ही अकेले 5 पुल गिरे। 18 जून से लेकर अभी तक 12 पुल ध्वस्त हो चुके है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन उपलब्धियों पर एकदम खा़मोश एवं निरुत्तर है। सोच रहे है कि इस मंगलकारी भ्रष्टाचार को जंगलराज में कैसे परिवर्तित करें? सदैव भ्रष्टाचार, नैतिकता, सुशासन, जंगलराज, गुड गवर्नेंस इत्यादि पर राग अलपा दूसरों में गुण दोष के खोजकर्ता, कथित उच्च समझ के उच्च कार्यकर्ता, उन्नत कोटि के उत्कृष्ट पत्रकार सह पक्षकार तथा उत्तम विचार के श्रेष्ठ लोग अंतरात्मा का गला घोंट इन सुशासनी कुकृत्यों पर चुप्पी की चादर ओढ़ सदाचारी बन चुके है।

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