पासपोर्ट बनाने में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मुंबई और नासिक में 33 स्थानों पर छापेमारी की है। सीबीआई ने पासपोर्ट सेवा केंद्रों (पीएसके) के पासपोर्ट सहायकों, वरिष्ठ पासपोर्ट सहायकों और एजेंटों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
अधिकारियों नें बताया कि सीबीआई ने मुंबई के दो पासपोर्ट सेवा केंद्रों (पीएसके) में रिश्वतखोरी के मामले में मुंबई और नासिक में 33 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान पासपोर्ट दस्तावेजों से जुड़े कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद हुए, जो बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हैं।
इस मामले में सीबीआई ने मलाड, लोअर परेल स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र के 14 पासपोर्ट सहायकों, वरिष्ठ पासपोर्ट सहायकों के खिलाफ 12 मामले दर्ज किए हैं। इसके साथ ही डिविजनल पासपोर्ट कार्यालयों (आरपीओ) के तहत काम करने वाले 18 पासपोर्ट एजेंटों के खिलाफ भी केस दर्ज किया है।
इस मामले में सीबीआई ने मलाड, लोअर परेल स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र के 14 पासपोर्ट सहायकों, वरिष्ठ पासपोर्ट सहायकों के खिलाफ 12 मामले दर्ज किए हैं। इसके साथ ही डिविजनल पासपोर्ट कार्यालयों (आरपीओ) के तहत काम करने वाले 18 पासपोर्ट एजेंटों के खिलाफ भी केस दर्ज किया है।
सीबीआई ने कहा कि 32 लोगों के खिलाफ 12 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें लोअर परेल और मलाड में पीएसके (PSKs) के 14 अधिकारी और 18 पासपोर्ट सुविधा एजेंट शामिल है। आरोप है कि क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) मुंबई के तहत काम करने वाले पीएसके में तैनात अधिकारियों ने एजेंटों के साथ मिलीभगत से भ्रष्टाचार किया है।
आरोप है कि रिश्वतखोरी में शामिल अधिकारी पासपोर्ट सुविधा एजेंटों के साथ लगातार संपर्क में थे और अपर्याप्त व अपूर्ण दस्तावेज होने पर भी पासपोर्ट जारी करते थे। इसके अलावा एजेंटों से सांठ-गांठ से पासपोर्ट आवेदकों के व्यक्तिगत विवरण में हेरफेर करके भी पासपोर्ट जारी किया जाता था। साथ ही नकली या जाली दस्तावेजों के आधार पर भी पासपोर्ट बनाये गए।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने बताया कि दस्तावेजों, सोशल मीडिया चैट और संदिग्धों के यूपीआई आईडी की छानबीन के दौरान पीएसके के कुछ अधिकारियों के संदिग्ध लेनदेन का पता चला है। आरोपी अधिकारियों को विभिन्न पासपोर्ट सुविधा एजेंटों की मिलीभगत से लाखों रुपये की रिश्वत ली है। मामले में आगे की जांच जारी है।