पाकिस्तान ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह पहलगाम में आतंकवादी हमले के मद्दनेजर पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द करने के भारत के फैसले के कारण वहां फंसे अपने नागरिकों के लिए वाघा सीमा के इस्तेमाल की अनुमति देना जारी रखेगा ताकि वे अपने देश लौट सकें। भारत में अमृतसर और पाकिस्तान में लाहौर के पास स्थित अटारी-वाघा सीमा 30 अप्रैल तक खुली थी। इसे बृहस्पतिवार को बंद कर दिया गया। भारत सरकार द्वारा तय की गई समयसीमा समाप्त हो जाने के बाद बृहस्पतिवार को करीब 70 पाकिस्तानी नागरिक अटारी सीमा पर कथित रूप से फंसे रह गए। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया के प्रश्नों का उत्तर देते हुए इस बात को स्वीकार किया कि बच्चों सहित पाकिस्तानी नागरिकों के भारत में अटारी सीमा पर फंसे होने की रिपोर्ट हैं।

मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमें मीडिया में आई उन खबरों की जानकारी है जिनमें कहा गया है कि कुछ पाकिस्तानी नागरिक अटारी में फंसे हुए हैं। अगर भारतीय अधिकारी हमारे नागरिकों को अपनी सीमा पार करने की अनुमति देते हैं तो हम उन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।” प्रवक्ता ने कहा कि लौटने के इच्छुक पाकिस्तानी नागरिकों के लिए भविष्य में भी वाघा सीमा खुली रहेगी। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने के भारत के फैसले की आलोचना की। उन्होंने चिकित्सकीय उपचार में बाधा पैदा होने एवं लोगों के अपने परिवारों से जुदा होने का हवाला देते हुए कहा, ‘‘पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने का भारत का फैसला गंभीर मानवीय चुनौतियां पैदा कर रहा है।”

पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों द्वारा 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हमला किए जाने के बाद भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों को ‘भारत छोड़ने’ का नोटिस जारी किया था। इसके तहत विभिन्न वीजा श्रेणियों के लिए भारत छोड़ने की अलग-अलग अंतिम तिथियां निर्धारित की गई थीं। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) वीजा धारकों के लिए यह समयसीमा 26 अप्रैल थी और मेडिकल वीजा धारकों के लिए यह 29 अप्रैल थी। अन्य 12 श्रेणियों के वीजा के लिए अंतिम तिथि 27 अप्रैल थी। समयसीमा खत्म होने के बाद कोई भी भारत या पाकिस्तान की ओर से एक-दूसरे के देश में प्रवेश नहीं कर सका। भारत के इस कदम के बाद इस्लामाबाद ने भी वाघा सीमा चौकी को बंद कर दिया था और दक्षेस वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारतीयों को दिए गए वीजा रद्द कर दिए थे। 

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