भारत के प्रधानमंत्री की उड़ान के लिए पाकिस्तान की तरफ से एयरस्पेस के इस्तेमाल की मंजूरी देना दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच आई नरमी को दर्शाता है। हालांकि, एविएशन इंडस्ट्री के एक सूत्र ने डॉन से बात करते हुए कहा, कि सद्भावना संदेश देना एक परंपरा है, न कि कोई मजबूरी।
डॉन ने सूत्रों के हवाले से कहा है, कि “पाकिस्तानी एयरस्पेस के इस्तेमाल करने के बाद जब नरेन्द्र मोदी भारत में उतरेंगे, तो उनके आलोचक इस बात के लिए उन्हें मुश्किल में डाल सकते हैं।”
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के सूत्रों के हवाले से कहा गया है, कि पीएम मोदी को ले जा रहा भारतीय विमान चित्राल से पाकिस्तान में दाखिल हुआ और अमृतसर में प्रवेश करने से पहले इस्लामाबाद और लाहौर के ऊपर से उड़ान भरा।
विमानन क्षेत्र के सूत्र के मुताबिक, पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र वाणिज्यिक भारतीय हवाई यातायात के लिए खुला था।
पाकिस्तानी सूत्र ने कहा है, कि “प्रधानमंत्री के विमान को किसी देश के ऊपर से उड़ान भरने के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है और उसे उड़ान भरने की पूरी अनुमति होती है। कुछ मामलों में, प्रधानमंत्री के विमान को एक कॉल साइन आवंटित किया जाता है, उसी तरह जैसे पाकिस्तान से राष्ट्राध्यक्षों को ले जाने वाले विमान को ‘पाकिस्तान 1’ जैसे कॉल साइन आवंटित किए जाते हैं।”
भारत ने जब बालाकाट में एयरस्ट्राइक किया था, उसके बाद पाकिस्तान ने 26 फरवरी 2019 को भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र पूरी तरह से बंद कर दिया था। बाद में मार्च में, उसने आंशिक रूप से अपना हवाई क्षेत्र खोला, लेकिन भारतीय उड़ानों के लिए इसे प्रतिबंधित रखा।
हालांकि, कश्मीर विवाद पर बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने उसी वर्ष पीएम मोदी के जर्मनी की उड़ान के लिए अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने के अनुरोध को खारिज कर दिया था। लेकिन दो सालों के बाद, पाकिस्तान ने भारतीय प्रधानमंत्री की नॉन-स्टॉप उड़ान को अमेरिका जाने के लिए अपने हवाई क्षेत्र से गुजरने की अनुमति दे दी थी।