मणिपुर सरकार ने राज्य के पांच जिलों में आगामी सोमवार और मंगलवार (25-26 नवंबर) को सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया है। यह कदम बढ़ती हिंसा और शांति की स्थिति को बहाल करने के लिए उठाया गया है। इससे पहले रविवार को, मणिपुर सरकार ने इन जिलों में सोमवार से कक्षाएं शुरू करने का आदेश दिया था, लेकिन बाद में सुरक्षा कारणों और हालात को देखते हुए इसे वापस ले लिया।
मणिपुर के पांच जिलों में हिंसा और भीड़ के हमलों के कारण स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। 16 नवंबर से इन जिलों में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद थे। मणिपुर सरकार ने हालात को नियंत्रित करने और विद्यार्थियों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक संस्थानों को दो और दिनों तक बंद रखने का फैसला लिया। शिक्षा निदेशक (स्कूल) एल. नंदकुमार सिंह और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की संयुक्त सचिव दरियाल जूली अनल ने दो अलग-अलग आदेशों में यह निर्देश दिया कि 25 और 26 नवंबर को सभी सरकारी, निजी और सरकारी सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों में सामान्य कक्षाएं नहीं होंगी।
यह आदेश मणिपुर के घाटी के पांच जिलों में लागू किया जाएगा, जिनमें इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग शामिल हैं। इन जिलों में शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ राज्य विश्वविद्यालयों को भी बंद रखने का आदेश दिया गया है। ये जिले मणिपुर के सबसे अधिक प्रभावित इलाके रहे हैं, जहां हिंसा के मामले लगातार बढ़े हैं।
हालांकि, मणिपुर में पिछले कुछ दिनों से कर्फ्यू में ढील दी गई थी। अधिकारियों के अनुसार, इन पांच जिलों में अब तक कोई बड़ी हिंसक घटना नहीं घटी है, जिसके चलते कर्फ्यू में ढील दी गई ताकि लोग आवश्यक वस्तुएं खरीद सकें और अन्य जरूरी काम कर सकें। कर्फ्यू में यह ढील कुछ घंटों के लिए थी, और यह सिर्फ दिन के समय लागू की गई थी।
मणिपुर गृह विभाग ने सुरक्षा कारणों से इन जिलों में मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवाओं का निलंबन भी बढ़ा दिया है। यह रोक 25 नवंबर तक जारी रहेगी। अधिकारियों के अनुसार, सात जिलों — इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर — में इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी, ताकि सोशल मीडिया और अन्य इंटरनेट प्लेटफार्मों के माध्यम से अफवाहों और हिंसा को बढ़ावा न मिले।
राज्य में हिंसा के कारण पिछले कुछ हफ्तों में कई स्थानों पर तनाव बढ़ गया था, खासकर इंफाल घाटी और आसपास के इलाकों में। हालांकि, मणिपुर सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की है और कर्फ्यू की शर्तों को थोड़ा नरम किया है, लेकिन सरकार ने लोगों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता जताई है। गृह विभाग और राज्य पुलिस लगातार सख्त निगरानी रख रहे हैं और स्थिति की समीक्षा करते हुए सुरक्षा उपायों को तैनात कर रहे हैं। मणिपुर सरकार का कहना है कि यह कदम आम जनता की सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए उठाए गए हैं।
मणिपुर में स्थिति को सामान्य करने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाने की योजना बनाई है। स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई है और हिंसा रोकने के लिए लगातार निगरानी रखी जा रही है। शैक्षणिक संस्थानों के लिए जारी यह आदेश केवल तत्काल स्थिति पर आधारित है, और जैसे-जैसे हालात सुधरेंगे, स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सरकार ने छात्रों और अभिभावकों से भी अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और सुरक्षा बलों के निर्देशों का पालन करें। साथ ही, इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने और कर्फ्यू में ढील देने के बारे में भी समीक्षा की जा रही है, ताकि जल्दी से जल्दी सामान्य जीवन की शुरुआत की जा सके।
मणिपुर में हिंसा और अशांति की घटनाएं बढ़ने के बाद यह निर्णय लिया गया है, ताकि राज्य के अंदर शांति बनी रहे और शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई का माहौल सामान्य हो सके। विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यह कदम बहुत जरूरी था, क्योंकि नागरिकों और विद्यार्थियों की सुरक्षा सबसे अहम है। मणिपुर सरकार की ओर से उठाए गए कदम यह दिखाते हैं कि राज्य प्रशासन अब भी स्थिति पर पूरी तरह से नियंत्रण बनाए रखने के लिए लगातार प्रयासरत है, ताकि जल्द से जल्द शांति स्थापित की जा सके और छात्रों का शिक्षा में कोई नुकसान न हो।