WFI यानी भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ सड़कों पर जारी पहलवानों के प्रदर्शन पर विराम लग गया है। हालांकि, पहलवानों ने यह भी साफ कर दिया है कि वे सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर अपनी जंग कोर्ट में लड़ना जारी रखेंगे। खास बात है कि विरोध प्रदर्शन का मुख्य चेहरा रहे स्टार रेसलर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने सरकार की तरफ से वादा पूरा होने की बात कही है। साथ ही अन्य वादों पर ‘अमल के इंतजार’ में हैं।
पूनिया, फोगाट और मलिक की तरफ से देर रात एक जैसा मैसेज शेयर किया गया। इसमें कहा गया है कि कोर्ट में चार्जशीट पेश कर सरकार ने वादों को पूरा किया है। ट्वीट पोस्ट के अनुसार, ‘सरकार के साथ 7 जून को हुई वार्ता में सरकार ने जो पहलवानों के साथ वादे किए उन पर अमल करते हुए सरकार ने उस कड़ी में महिला कुश्ती खिलाड़ियों द्वारा महिला उत्पीड़न एवं यौन शोषण के संबंध में की गई शिकायतों के मामले में 6 महिला पहलवानों द्वारा दर्ज FIR की दिल्ली पुलिस जांच पूर्ण करके 15 जून को कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी गई है।’
आगे लिखा गया, ‘इस केस में पहलवानों की कानूनी लड़ाई सड़क की जगह कोर्ट में जारी रहेगी जब तक न्याय नहीं मिल जाता।’ फरवरी से शुरू हुआ पहलवानों का प्रदर्शन करीब 5 महीनों तक दो दौर में चला।
पोस्ट में तीनों पहलवानों ने WFI चुनाव संबंधी मांगों को भी पूरा करने की मांग की है। उन्होंने लिखा, ‘कुश्ती संघ के सुधार के संबंध मं नई कुश्ती संघ के चुनाव की प्रक्रिया वादे के अनुसार शुरू हो गई है। जिसके चुनाव 11 जुलाई को होना तय है के संबंध मं सरकार ने जो वादे किए हैं उसपर अमल होने का इंतजार रहेगा।’ मलिक और फोगाट ने सोशल मीडिया से कुछ समय के लिए ब्रेक लेने का भी ऐलान कर दिया है।
आरोप लगाए जा रहे हैं कि पहलवानों नने एशियाई खेलों के लिए ट्रायल्स से छूट हासिल करने के लिए प्रदर्शन किए हैं। पूर्व पहलवान योगेश्वर दत्त का कहना था कि क्या ये पहलवान छूट हासिल करने के लिए ही विरोध कर रहे थे। इसपर फोगाट ने जवाब दिया कि सरकार से ट्रायल्स को आगे बढ़ाने की अपील की गई थी। उन्होंने ट्विटर पर खेल मंत्री के नाम भेजे गए पत्र की फोटो भी साझा की है। पत्र के अनुसार, ट्रायल्स 10 अगस्त के बाद कराने की मांग की गई थी।