सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुई “विवेकहीन हिंसा की शैतानी हरकत” की कड़ी निंदा की। ‘मिनी स्विटजरलैंड’ कहे जाने वाले बैसरन में आतंकवादियों द्वारा पर्यटकों पर की गई गोलीबारी में कम से कम 26 लोग मारे गए और 10 अन्य घायल हो गए। शीर्ष अदालत ने बुधवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर आतंकवादी कृत्य की निंदा की। 

आतंकवादी कृत्य की निंदा करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस क्रूर हमले में जान गंवाने वाले पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी प्रस्ताव में कहा गया इस नासमझ हिंसा के शैतानी कृत्य ने सभी की अंतरात्मा को झकझोर दिया है और यह आतंकवाद द्वारा फैलाई जाने वाली क्रूरता और अमानवीयता की एक कठोर याद दिलाता है। भारत का सर्वोच्च न्यायालय उन निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि देता है, जिनकी बेरहमी से और समय से पहले हत्या कर दी गई और साथ ही शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करे और जो घायल हुए हैं, वे शीघ्र स्वस्थ हों। इस अवर्णनीय दुख की घड़ी में राष्ट्र पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ खड़ा है। भारत के मुकुट रत्न यानी कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने आए पर्यटकों पर हमला निस्संदेह मानवता के मूल्यों और जीवन की पवित्रता का अपमान है और यह न्यायालय इसकी कड़ी निंदा करता है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस दुखद हमले में अपनी जान गंवाने वालों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा। प्रशासनिक सुरक्षा शाखा द्वारा जारी एक परिपत्र के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश में पर्यटकों सहित आतंकी घटना के पीड़ितों के सम्मान में न्यायालय और उसकी रजिस्ट्री में दोपहर 2:00 बजे से मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। 

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