जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले में अपनी जान गंवाने वाले कर्नाटक के दो निर्दोष पर्यटक, मंजूनाथ राव और भरत भूषण, को उनके गृह राज्यों में पुलिस सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। कर्नाटक की राज्य सरकार ने इस हृदयविदारक घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए यह घोषणा की है।
आतंकवादियों ने धार्मिक पहचान पूछकर की थी हत्या:
यह भयावह घटना मंगलवार को पहलगाम में घटी, जब आतंकवादियों के एक समूह ने निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाया। रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकवादियों ने पीड़ितों से उनकी धार्मिक पहचान पूछी और उसके बाद बेरहमी से गोलियां बरसा दीं। इस कायराना हमले में कुल 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक शामिल थे जो शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए कश्मीर घाटी आए थे।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दिए राजकीय सम्मान के निर्देश:
कर्नाटक के मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने वरिष्ठ अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए हैं कि इस दुखद घटना में मारे गए मंजूनाथ राव और भरत भूषण का अंतिम संस्कार पूरे पुलिस सम्मान के साथ किया जाए। मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं भी व्यक्त की हैं और इस मुश्किल घड़ी में उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
शवों को बेंगलुरु लाया गया, आज होगा अंतिम संस्कार:
गुरुवार को, दोनों दिवंगत आत्माओं के पार्थिव शरीर को विशेष विमान से बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लाया गया। यहाँ, शोकाकुल परिजनों और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों ने नम आँखों से श्रद्धांजलि अर्पित की। मंजूनाथ राव के शव को उनके गृहनगर शिवमोगा ले जाया गया, जबकि भरत भूषण का पार्थिव शरीर बेंगलुरु स्थित उनके आवास पर पहुँचाया गया। संभावना है कि दोनों का अंतिम संस्कार आज ही उनके-अपने गृह नगरों में किया जाएगा।
परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़:
यह हमला मृतकों के परिवारों के लिए एक असहनीय त्रासदी लेकर आया है। भरत भूषण, जो एक रियल एस्टेट कारोबारी थे, को आतंकवादियों ने उनकी पत्नी सुजाता और तीन साल के मासूम बेटे के सामने गोली मार दी। हालांकि, उनकी पत्नी और बेटे को आतंकियों ने जीवित छोड़ दिया। इसी तरह, मंजूनाथ राव को भी उनकी पत्नी और बेटे के सामने मौत के घाट उतार दिया गया। इस घटना ने पूरे कर्नाटक में शोक की लहर पैदा कर दी है और लोगों में आतंकवाद के प्रति गहरा आक्रोश है।