पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में सोमवार को बड़ा रेल हादसा हो गया। न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के निकट एक मालगाड़ी ने सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस को टक्कर मार दी, जिससे ट्रेन के तीन पिछले डिब्बे पटरी से उतर गए।
अधिकारियों की दी जानकारी के मुताबिक हादसे में अब तक 15 लोगों के मरने की खबर है। इसके अलावा 60 लोग घायल हैं।
उन्होंने बताया कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है, कई लोग अभी भी डिब्बों में अंदर फंसे हुए हैं। राज्य और केंद्र की विभिन्न एजेंसियां स्थानीय लोगों के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य में युद्धस्तर पर लगी हैं।
एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया कि मृतकों में मालगाड़ी का पायलट और सह-पायलट भी शामिल है।
पुलिस ने बताया कि दुर्घटना में घायल हुए लोगों को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया जा रहा है।
अधिकारी ने बताया कि उत्तर बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से लगभग 30 किलोमीटर दूर रंगापानी स्टेशन के पास ही मालगाड़ी के इंजन द्वारा पीछे से टक्कर मारे जाने के कारण कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन के तीन डब्बे पटरी से उतर गए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, “पश्चिम बंगाल में रेल दुर्घटना दुखद है। जिन लोगों ने इस हादसे में अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदना है।”
उन्होंने आगे कहा, ” मैं प्रार्थना करता हूं कि हादसे में घायल हुए लोग जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। मैंने अधिकारियों से बात की और स्थिति का जायजा लिया। प्रभावितों का सहायता के लिए बचाव अभियान जारी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी दुर्घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।”
प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी, जबकि घायलों को 50,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव रेल दुर्घटना के बाद राहत और बचाव कार्यों का जायजा लेने के लिए सोमवार को घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।
रेल अधिकारियों से प्राप्त प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यात्री ट्रेन पटरी पर खड़ी थी, तभी मालगाड़ी ने पीछे से उसे टक्कर मार दी। भीषण टक्कर के कारण कंचनजंगा एक्सप्रेस के दो पिछले डिब्बे तुरंत ही पटरी से उतर गए, जबकि एक अन्य डिब्बा मालगाड़ी के इंजन के ऊपर, अधर में लटक गया।
अधिकारियों ने बताया कि इलाके में खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है।
इस दुर्घटना ने एक वर्ष पहले ओडिशा के बहनागा बाजार के निकट हुए कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटना की यादों को ताजा कर दिया है। इस हादसे में लगभग 300 लोग मारे गए थे तथा 1,000 से अधिक लोग घायल हुए थे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर किए पोस्ट ने कहा, “अभी-अभी दार्जिलिंग जिले के फांसीदेवा इलाके में एक दुखद रेल दुर्घटना होने के बारे में जानकर स्तब्ध हूं। विस्तृत जानकारी का इंतजार है, बताया जाता है कि कंचनजंगा एक्सप्रेस को एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी है।”
उन्होंने आगे लिखा, “जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, डॉक्टर, एंबुलेंस और आपदा टीमों को बचाव, राहत और चिकित्सा सहायता के लिए घटनास्थल पर भेज दिया गया है। युद्धस्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।”
इस दुर्घटना के कारण उत्तर बंगाल और देश के पूर्वोत्तर भाग से लंबी दूरी की रेल सेवाएं प्रभावित हुईं हैं।
राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित यात्रियों के परिवहन के लिए आपातकालीन आधार पर क्षेत्र से अतिरिक्त बस सेवाएं शुरू की जा रही हैं।
शुरुआती खबरों से पता चला है कि मालगाड़ी के लोको पायलट ने शायद सिग्नल को पार कर लिया होगा। हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि सिग्नलिंग सिस्टम में कोई समस्या थी या नहीं या इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है कि एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनें एक-दूसरे के इतने करीब कैसे आ गईं।
दार्जिलिंग से भाजपा सांसद राजू बिस्ता उन नेताओं में शामिल हैं जो बचाव कार्यों का निरीक्षण करने के लिए तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे।
कंचनजंगा एक्सप्रेस के कोच संख्या एस6 में सवार अगरतला के एक यात्री ने बताया कि उसे अचानक तेज झटका महसूस हुआ और भीषण आवाज के साथ डिब्बा रुक गया। उसने यह भी दावा किया कि राहत और बचाव कार्यों में देरी हुई।
एक टेलिविजन चैनल से बात करते हुए यात्री ने कहा, “मेरी पत्नी, बच्चा और मैं किसी तरह क्षतिग्रस्त कोच से बाहर निकले। हम अभी भी परेशान ही हैं… बचाव कार्य भी काफी देर से शुरू हुआ।”