पश्चिम देशों के साथ बढ़ते गतिरोध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने शिखर वार्ता के दौरान नए समझौते पर हस्ताक्षर किए।

रूस और उत्तर कोरिया के बीच यह समझौता इसलिए हुआ है कि यदि कोई भी देश यदि दोनों देशों में से किसी पर भी हमला करता है तो दोनों पारस्परिक मदद के लिए एकदम तैयार रहेंगे।

यह शिखर वार्ता ऐसे कठिन समय हो रही है  जब दोनों देश पश्चिम के साथ बढ़ते गतिरोध का सामना कर रहे हैं।

दोनों देश के नेताओं ने कहा कि यह समझौता सुरक्षा, व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक तथा मानवीय संबंधों जैसे क्षेत्रों से जुड़ा है।

नेताओं ने कहा कि यह समझौता 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद से मॉस्को और प्योंगयांग के बीच सबसे मजबूत कदम साबित हो सकता है।

चौबीस साल के अपने शासनकाल में पुतिन के पहले उत्तर कोरिया दौरे के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात हुई।

व्लादिमीर पुतिन की यह यात्रा हथियारों की उस व्यवस्था को लेकर पश्चिमी देशों में बढ़ती चेिताओं के बीच हो रही है जिसके तहत उत्तर कोरिया यूक्रेन से युद्ध के लिए रूस को हथियार मुहैया करा रहा है और बदले में आर्थिक सहायता और प्रौद्योगिकी हासिल कर रहा है।

इस कवायद को आर्थिक तथा सैन्य सहयोग बढ़ाने तथा अमेरिका के खिलाफ संयुक्त मोर्चा तैयार करने के तौर पर देखा जा रहा है।

रूसी सरकारी मीडिया के अनुसार हस्ताक्षर समारोह के बाद पुतिन ने कहा कि किम के साथ बातचीत में सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर काफी चर्चा हुई।

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