पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल लोकसभा क्षेत्रों में इस समुदाय के मतदाताओं को लुभाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) का अल्पसंख्यक मोर्चा 4,100 से अधिक गांवों में ‘कौमी चौपाल’ आयोजित करके मुस्लिमों से संवाद स्थापित करेगा। भाजपा का अल्पसंख्यक मोर्चा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 23 लोकसभा क्षेत्रों में आयोजित किए जाने वाले ‘कौमी चौपाल: कौम की बात, कौम के साथ’ कार्यक्रम के लिए लोकसभा क्षेत्रवार प्रभारी तैनात करेगा। इस अभियान की शुरुआत आगामी 10 फरवरी को मुजफ्फरनगर जिले के कसेरवा गांव से की जाएगी। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने बताया कि मोर्चा के नेता पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल 4,100 गांवों में जाकर सरकार की विभिन्न योजनाओं और अल्पसंख्यक समाज के लिए सरकार द्वारा किए गए कार्यों के बारे में बताएंगे।
उन्होंने बताया कि इस दौरान मुसलमानों से यह भी जानने की कोशिश की जाएगी कि वे सरकार से और क्या चाहते हैं। साथ ही उनकी विभिन्न समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली जाएगी। हर चौपाल में 200-250 लोगों को एकत्र किया जाएगा। अली ने कहा कि कौमी चौपाल आयोजित करने के पीछे मोर्चे का अहम लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा मुसलमानों को भाजपा के साथ जोड़ना है। यह चौपाल गांव के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के घरों में या मदरसों में आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि मोर्चा की कोशिश मुस्लिमों के उस वर्ग को अपने साथ जोड़ने की है जिन्हें एक ऐसी पार्टी की तलाश है जो उनकी सुनवाई करे और उनका काम करे। जब मुस्लिमों का यह वर्ग भाजपा के साथ जुड़ेगा तो वह अपने सम्मान के लिए और पार्टी के साथ जुड़े रहने के लिए भी भाजपा के पक्ष में वोट करेगा।
अली ने बताया कि मोर्चा ने कौमी चौपाल कार्यक्रमों के लिए मुस्लिम बहुल 23 लोकसभा क्षेत्र को चुना है जिनमें सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, कैराना, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, बिजनौर, अमरोहा, रामपुर, बरेली, आगरा और अलीगढ़ भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी 23 लोकसभा क्षेत्र में कौमी चौपाल आयोजित करने के लिए मोर्चा का एक-एक प्रभारी नियुक्त किया जाएगा जो अपने प्रभार वाले क्षेत्र में कम से कम 10 दिन प्रवास करके मुस्लिम ग्रामीणों से संवाद कर उनकी समस्याएं जानने की कोशिश करेगा। अली ने बताया कि मोर्चा का ‘शुक्रिया मोदी भाई जान’ कार्यक्रम भी चल रहा है, लेकिन वह विशेष कर महिलाओं पर केंद्रित है। कौमी चौपाल मुख्यतः पुरुष मतदाताओं के बीच जाकर अपनी बात रखने और उन्हें ज्यादा से ज्यादा संख्या में भाजपा के साथ जोड़ने की एक कवायद है।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 26 लोकसभा सीटों में से 19 पर जीत हासिल हुई थी जबकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन को कुल सात सीटें मिली थीं। भाजपा इस बार उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने की रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश की 16 लोकसभा सीटों पर पराजय का सामना करना पड़ा था इनमें सबसे ज्यादा सात सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ही थी। इनमें सहारनपुर बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, नगीना, रामपुर और संभल शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ही बुलंदशहर जिले में एक रैली को संबोधित किया था।