पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी एवं कांग्रेस सांसद परनीत कौर सहित 6 सांसदों ने गुरुवार को एथिक्स कमेटी की बैठक में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश करने वाली रिपोर्ट को समर्थन देकर स्वीकार कर लिया।
कांग्रेस सांसद परनीत कौर के अलावा बैठक में मौजूद भाजपा सांसद विनोद सोनकर (चेयरमैन), अपराजिता सारंगी, सुमेधानंद सरस्वती और राजदीप रॉय ने भी रिपोर्ट का समर्थन किया। शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के हेमंत गोडसे ने भी प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया। वहीं, चार सांसदों-कांग्रेस के वैथिलिंगम वे, बसपा के दानिश अली, सीपीएम के पीआर नटराजन और जेडीयू के सांसद गिरधारी यादव ने रिपोर्ट का विरोध किया।
बताया जा रहा है कि चारों सांसदों ने अपना डिसेंट नोट (असहमति का नोट) भी सबमिट किया है।
आपको बता दें कि पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच कर रही एथिक्स कमेटी की गुरुवार को हुई बैठक में रिपोर्ट को 6-4 के अंतर से बहुमत के आधार पर स्वीकार कर लिया गया है। कमेटी अपनी रिपोर्ट को शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपेगी।
एथिक्स कमेटी की बैठक के बाद कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर ने बताया कि एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों की जांच कर 500 पेज की एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है, जिसे मंजूरी देने के लिए गुरुवार की बैठक बुलाई गई थी। गुरुवार की बैठक में 6 सांसदों के समर्थन से इस रिपोर्ट को एडाप्ट कर लिया गया है और 4 सांसदों ने अपना डिसेंट नोट (असहमति का नोट) सबमिट किया है। रिपोर्ट को स्वीकार करने के लिए कमेटी की बैठक में वोटिंग भी हुई।
सोनकर ने आगे बताया कि कमेटी जिस निष्कर्ष पर पहुंची है, उस फैक्ट फाइंडिंग के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसे कमेटी अपनी सिफारिश के साथ शुक्रवार को लोकसभा स्पीकर को सौंप देगी और आगे की कार्यवाही स्पीकर ही करेंगे। हालांकि, कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में क्या सिफारिश की है, इसे लेकर सोनकर ने कुछ खुलासा नहीं किया।
सूत्रों के मुताबिक, लगभग 500 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की गई है। अपनी इस रिपोर्ट में एथिक्स कमेटी ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों को काफी गंभीर मानते हुए उनके आचरण को आपत्तिजनक और अनैतिक करार दिया है।
इसी को आधार बनाकर कमेटी महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश करने जा रही है। कमेटी ने अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट में भारत सरकार से इस पूरे मामले की समयबद्ध, गहन, कानूनी और संस्थागत जांच की सिफारिश करते हुए महुआ मोइत्रा और दर्शन हीरानंदानी के बीच पैसों के लेन-देन की भी गहन जांच करने की सिफारिश की है।