अमेरिका की सख्त आव्रजन नीति के तहत भारतीयों समेत करीब 300 अवैध प्रवासियों को निर्वासित कर दिया गया है। इन प्रवासियों को पनामा के एक होटल में रखा गया है, जहां वे कागज पर लिखे संदेशों के जरिए मदद की गुहार लगा रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में कई लोग होटल की खिड़कियों से ‘Please Help Us’ (कृपया हमारी मदद करें) और ‘We are not safe in our country’ (हम अपने देश में सुरक्षित नहीं हैं) जैसे संदेश दिखाते नजर आ रहे हैं।
पनामा के अधिकारी इन प्रवासियों को उनके मूल देशों में भेजने के लिए संबंधित सरकारों के संपर्क में हैं। इस सिलसिले में भारतीय अधिकारियों से भी बातचीत हुई है। पनामा स्थित भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर जानकारी दी कि वे पनामा सरकार के साथ मिलकर निर्वासित भारतीय नागरिकों की मदद कर रहे हैं और सभी जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।
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समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, इन 300 निर्वासितों में भारत, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, वियतनाम और ईरान के नागरिक शामिल हैं। अमेरिका ने पनामा को ट्रांजिट पॉइंट के रूप में इस्तेमाल कर इन प्रवासियों को पहले वहां भेजा और अब उनके मूल देशों में प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही है। कुछ लोग स्वदेश लौटने के लिए तैयार हैं, जबकि कई अपने देश वापस जाने से इनकार कर रहे हैं।
पनामा और अमेरिका के बीच हुए समझौते के तहत अवैध प्रवासियों की देखभाल और प्रत्यावर्तन की प्रक्रिया जारी है। इस प्रक्रिया में कोस्टा रिका और ग्वाटेमाला भी अमेरिका से निर्वासित प्रवासियों को अस्थायी रूप से रखने के लिए सहमत हो चुके हैं। अमेरिकी सरकार इस पूरी प्रक्रिया का खर्च उठा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की संख्या 2018 में 4.8 लाख थी, जो 2022 में घटकर 2.2 लाख हो गई। हाल के हफ्तों में तीन विमानों के जरिए 332 भारतीयों को अमेरिका से देश वापस भेजा जा चुका है। ट्रंप प्रशासन की सख्ती के चलते आने वाले दिनों में और अधिक भारतीय प्रवासियों के निर्वासन की संभावना जताई जा रही है।