हर इंसान का सपना होता है अपना खुद का घर खरीदना। इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए लोग न सिर्फ सालों तक मेहनत करते हैं, बल्कि पैसे भी जोड़ते हैं और एक परफेक्ट प्रॉपर्टी की तलाश में महीनों खाक छानते हैं। लेकिन घर खरीदने के बाद भी एक और बड़ा खर्च सामने आता है — रजिस्ट्री और उससे जुड़ी कानूनी औपचारिकताएं।
अगर आप भी जल्द ही कोई घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो एक छोटी सी स्मार्ट प्लानिंग आपको लाखों रुपये तक की बचत करा सकती है। कैसे? आइए जानते हैं —
पत्नी के नाम रजिस्ट्री कराने से मिलती है टैक्स और स्टांप ड्यूटी में छूट
भारत के कई राज्यों में महिलाओं को प्रॉपर्टी खरीद पर स्टांप ड्यूटी में विशेष छूट दी जाती है। यह नियम सरकार द्वारा महिलाओं को संपत्ति में भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से बनाया गया है। उदाहरण के तौर पर:
-दिल्ली में, यदि कोई पुरुष प्रॉपर्टी खरीदता है, तो उसे 6% स्टांप ड्यूटी देनी होती है। वहीं, महिलाओं के नाम पर यह दर केवल 4% है।
-अगर घर की कीमत 50 लाख रुपये है, तो पुरुष को 3 लाख, जबकि महिला को 2 लाख रुपये ही स्टांप ड्यूटी के रूप में चुकाने होंगे — सीधे 1 लाख रुपये की बचत!
-राजस्थान में, संयुक्त रजिस्ट्री (पति-पत्नी दोनों के नाम पर) कराने पर 0.5% की छूट दी जाती है।
ध्यान देने वाली बात ये है कि हर राज्य में स्टांप ड्यूटी की दर अलग-अलग होती है, लेकिन लगभग सभी राज्यों में महिलाओं को इसमें राहत दी जाती है।
होम लोन पर भी मिलती है विशेष रियायत
घर खरीदने के लिए अधिकतर लोग होम लोन का सहारा लेते हैं। अगर आप पत्नी के नाम पर लोन लेते हैं, तो कई बैंक और फाइनेंशियल संस्थान महिलाओं को होम लोन पर कम ब्याज दर पर लोन देते हैं।
- ब्याज दरों में 0.05% से लेकर 0.1% तक की छूट दी जाती है।
- इसके अलावा कुछ बैंक महिलाओं के लिए प्रोसेसिंग फीस में भी राहत देते हैं।
- इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C और 24(b) के तहत आप टैक्स छूट का भी फायदा उठा सकते हैं — खासकर यदि लोन को जॉइंट अकाउंट में लिया गया हो।
क्या करें ताकि बचत का पूरा लाभ मिले?
- घर की रजिस्ट्री पत्नी या संयुक्त नाम पर कराएं।
- होम लोन पत्नी के नाम पर या जॉइंट नाम पर लें।
- राज्य सरकार की स्टांप ड्यूटी दरें चेक करें — हर राज्य की अलग-अलग नीति होती है।
- बैंकों से महिला स्पेशल होम लोन ऑफर्स के बारे में पूछें।