योग, प्राकृतिक चिकित्सा एवं आयुर्वेद के क्षेत्र में शिक्षा और शोध को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार और अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा (मध्य प्रदेश) के मध्य एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ की ओर से अध्यक्ष आचार्य बालकृष्ण उपस्थित रहे, जिन्होंने इस समझौते के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह सहयोग पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों-योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के शैक्षणिक, शोधात्मक और विकासात्मक विस्तार में एक मील का पत्थर साबित होगा।

आचार्य जी ने बताया कि इस MOU के अन्तर्गत दोनों संस्थानों के सहयोग से योग, प्राकृतिक चिकित्सा एवं आयुर्वेद से संबंधित पाठ्यक्रमों का विकास एवं संचालन किया जाएगा। साथ ही संयुक्त रूप से शोध परियोजनाएं एवं संगोष्ठियों का आयोजन भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उक्त एमओयू के तहत दोनों संस्थानों के शैक्षणिक एवं तकनीकी विशेषज्ञों का परस्पर आदान-प्रदान कर ज्ञान साझा किया जा सकेगा। इसमें छात्रों के प्रशिक्षण, इंटर्नशिप एवं फील्ड वर्क की व्यवस्था भी रहेगी। दोनों संस्थानों में संचालित पुस्तकालय, प्रयोगशाला, शोध संसाधनों आदि का आपसी उपयोग भी किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त योग एवं आयुर्वेद से संबंधित प्रमाणपत्र/डिप्लोमा/डिग्री पाठ्यक्रमों का समन्वित संचालन भी किया जाएगा।

इस अवसर पर अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा के कुलपति प्रो. राजेन्द्र कुमार कुरारिया ने कहा कि पतंजलि योगपीठ योग, प्राकृतिक चिकित्सा एवं आयुर्वेद आधारित सर्वश्रेष्ठ शोध संस्थान है। हम पतंजलि के साथ संयुक्त रूप से कार्य कर योग, आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा पर व्यापक शोध कर ज्ञान साझा करेंगे। कार्यक्रम में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा के कुलसचिव डॉ. सुरेंद्र सिंह परिहार भी उपस्थित रहे।

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