छिंदवाड़ा। महंत कनकबिहारी महाराज पंचतत्व में विलीन हो गए। ‘यज्ञ सम्राट’ के नाम से पहचाने जाते महंत कनक बिहारी को अंतिम विदाई देने जनसैलाब उमड़ा। शिष्यों ने नम आंखों से अपने गुरु को विदाई दी। चौरई के लोनीबर्रा आश्रम में विधि-विधान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के लिए चन्दन की लकड़ी बुलवाई गई। महाराज को मंदिर के पास ही उनके शिष्य श्यामदास महाराज उर्फ श्यामू ने मुखाग्नि दी।
मध्यप्रदेश के साथ महाराष्ट्र, गुजराज, उत्तरप्रदेश के विभिन्न जिलों से हजारों शिष्य यहां आए – संत कनक बिहारी महाराज को अंतिम विदाई देने अयोध्या एवं प्रयागराज से भी संत पहुंचे। मध्यप्रदेश के साथ महाराष्ट्र, गुजराज, उत्तरप्रदेश के विभिन्न जिलों से हजारों शिष्य यहां आए थे। इस दौरान कोलारस विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी, सुजीत चौधरी सहित बड़ी संख्या में शिष्य मौजूद रहे।
नरसिंहपुर में एक सड़क हादसे में कनक बिहारी महाराज का निधन हो गया था- बता दें, सोमवार सुबह नरसिंहपुर में एक सड़क हादसे में कनक बिहारी महाराज का निधन हो गया था। शाम को महाराज का पार्थिव शरीर चौरई स्थित लोनीबर्रा आश्रम लाया गया। अंतिम दर्शन के लिए शिष्यों का पूरी रात आने का सिलसिला जारी रहा। मंगलवार सुबह आश्रम में 20 हजार से अधिक शिष्य आ जुटे थे।
चौरई के लोनीबर्रा आश्रम में विधि-विधान के साथ उन्हें पंचतत्व में विलीन किया गया- उनके अंतिम संस्कार के लिए चन्दन की लकड़ी बुलवाई गई। मंगलवार शाम को चौरई के लोनीबर्रा आश्रम में विधि-विधान के साथ उन्हें पंचतत्व में विलीन किया गया। कनक बिहारी महाराज को मंदिर के पास ही उनके प्रिय शिष्य श्यामदास महाराज उर्फ श्यामू ने मुखाग्नि दी।