देश के 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं ने ‘नारी शक्ति’ और ‘आत्मनिर्भरता’ की विषय वस्तु पर आधारित अपनी झांकियों में अपनी संपत्तियों और भारत की बढ़ती सैन्य ताकत का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। भारतीय नौसेना की झांकी में जहाज निर्माण में भारत की बढ़ती शक्ति को उजागर करते हुए स्वदेशी रूप से निर्मित विमान वाहक आईएनएस विक्रांत और अत्यधिक सक्षम एस्कॉर्ट पोत आईएनएस दिल्ली, आईएनएस कोलकाता और आईएनएस शिवालिक, एलसीए, एएलएच और कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी को दर्शाया गया। नौसेना की झांकी की विषयवस्तु ‘नारी शक्ति’ और ‘आत्मनिर्भरता’ रही।
गणतंत्र दिवस समारोह की एक आधिकारिक पुस्तिका में झांकी के बारे में कहा गया कि नौसेना द्वारा सभी भूमिकाओं और रैंक में महिलाओं का स्वागत करने की हालिया घोषणा वास्तव में प्रगतिशील भारत का प्रतीक है। नौसेना बैंड ने बल की ताकत और युद्ध की तैयारी का प्रतिनिधित्व करते हुए ‘हम तैयार हैं’ की धुन बजाई जिस पर 144 पुरुष एवं महिला अग्निवीर समेत युवा नौसैनिकों की टुकड़ी ने मार्च किया।
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की टुकड़ी में स्क्वाड्रन लीडर रश्मि ठाकुर के नेतृत्व में 144 वायु सैनिक और चार अधिकारी शामिल हुए। स्क्वाड्रन लीडर सुमिता यादव, प्रतीति अहलूवालिया और फ्लाइट लेफ्टिनेंट कीर्ति रोहिल ने दल कमांडर के पीछे अतिरिक्त अधिकारियों के रूप में मार्च पास्ट किया। वायु सेना की झांकी ‘भारतीय वायु सेना: सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर’ विषय वस्तु पर आधारित रही। वायु सेना बैंड में तीन ड्रम प्रमुख और 72 संगीतकार शामिल हुए। उन्होंने ‘साउंड बैरियर क्विक मार्च’ बजाया। झांकी के अग्रभाग में सी-295 परिवहन विमान को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाया गया जिसके कॉकपिट में सवार दो महिला वायु सेना कर्मी उसे चलाती दिखीं।
झांकी के विवरण में कहा गया कि आईएएफ गरुड़ कमांडो की उपस्थिति हवा के साथ-साथ जमीन पर भी वायु सेना की लड़ाकू क्षमताओं में वृद्धि का प्रतीक है। झांकी के मध्य भाग में आईएएफ तेजस और एसयू-30 को हिंद महासागर क्षेत्र के ऊपर उड़ान भरते हुए दिखाया गया, जो वायु सेना की जमीन और समुद्र में भी बढ़ती पहुंच को दर्शाता है। झांकी के पिछले हिस्से में भारतीय वायुसेना द्वारा देश ओर विदेश में प्रदान की गई मानवीय सहायता को दर्शाया गया। फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों इस भव्य समारोह के मुख्य अतिथि हैं। इस समारोह का मकसद देश की महिला शक्ति और लोकतांत्रिक मूल्यों को पेश करना है।
त्रि-सेवा टुकड़ी बनी आकर्षण का केंद्र
सशस्त्र बलों ने परेड में मिसाइलों, ड्रोन जैमर, निगरानी प्रणाली, वाहन पर लगे मोर्टार और बीएमपी-द्वितीय पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों जैसे घरेलू हथियारों और सैन्य उपकरणों की एक श्रृंखला का प्रदर्शन किया। पहली बार कर्तव्य पथ पर मार्च करते हुए सभी महिलाओं की त्रि-सेवा टुकड़ी आकर्षण का केंद्र बनी। इतिहास में पहली बार, लेफ्टिनेंट दीप्ति राणा और प्रियंका सेवदा ने कर्तव्य पथ पर परेड में हथियार का पता लगाने वाले ‘स्वाति’ रडार और पिनाका रॉकेट प्रणाली का नेतृत्व किया। लेफ्टिनेंट दीप्ति राणा और प्रियंका सेवदा पिछले साल आर्टिलरी रेजिमेंट में नियुक्त हुई 10 महिला अधिकारियों में से हैं।
मैकेनाइज्ड कॉलम में टैंक टी-90 भीष्म, नाग (एनएजी) मिसाइल सिस्टम, पैदल सेना का लड़ाकू वाहन, सभी क्षेत्रों में संचालन योग्य वाहन, पिनाका, हथियार का पता लगाने वाली रडार प्रणाली ‘स्वाति’, ड्रोन जैमर प्रणाली, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली आदि मुख्य आकर्षण रहे। मैकेनाइज्ड कॉलम का नेतृत्व करने वाली पहली सेना टुकड़ी 61 कैवेलरी (घुड़सवार सेना) थी, जिसका नेतृत्व मेजर यशदीप अहलावत ने किया। वर्ष 1953 में स्थापित 61 घुड़सवार सेना दुनिया की एकमात्र सेवारत सक्रिय घुड़सवार सेना है।