रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को देश भर में 2000 के चल रहे नोट को बंद कर दिया। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के मुताबिक 2000 के नोटों को 30 सितंबर तक अपने बैंक में जमा किया जा सकता है। वहीं, इस फैसले के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सरकार के इस फैसले पर तंज कसा है। साथ ही उन्होंने सरकार पर देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने का आरोप लगाया है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 2000 के नोट वापस लेने के सरकार के फैसले पर निशाना साधा है। शुक्रवार को नोटबंदी की ऐलान होने के बाद उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि कुछ लोगों को अपनी गलती देर से समझ आती है… 2000/- के नोट के मामले में भी ऐसा ही हुआ है लेकिन इसकी सज़ा इस देश की जनता और अर्थव्यवस्था ने भुगती है। शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है।
शुक्रवार देर शाम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के जारी नियमों के मुताबिक बैंकों में 23 मई से 2,000 रुपये के नोट बदले जा सकेंगे। हालांकि एक बार में सिर्फ 20,000 रुपये मूल्य के नोट ही बदले जाएंगे। इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों से 2,000 रुपये का नोट देना तत्काल प्रभाव से बंद करने को कहा। आरबीआई ने नवंबर 2016 में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट चलन से हटाने के बाद 2,000 रुपये के नोट जारी किए थे।
सरकार ने 2000 के नोटों की छपाई को लेकर संसद को एक सवाल के जवाब में बताया था कि बैंक में नोटों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के बाद 2018-19 में 2,000 के बैंक नोटों की प्रिंटिंग बंद कर दी गई थी। आरबीआई के अनुसार, 2,000 रुपये के बैंक नोट नवंबर 2016 में जारी किए गए थे। इसका उद्देश्य उस समय प्रचलन में मौजूद 500 और 1000 रुपये के बैंक नोटों की वैधता समाप्त करने के बाद अर्थव्यवस्था की करेंसी की जरूरत को तेजी से पूरा करना था।

आरबीआई ने बताया कि 2,000 रुपये के 89 प्रतिशत बैंक नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे और चार-पांच साल की उनकी अनुमानित जीवन अवधि समाप्त होने वाली है। प्रचलन में मौजूद इन बैंक नोटों का कुल मूल्य 31 मार्च 2018 के उच्चतम 6.73 लाख करोड़ रुपये (प्रचलन में मौजूद सभी नोटों का 37.3 प्रतिशत) से घटकर 31 मार्च 2023 को 3.62 लाख करोड़ रुपये (प्रचलन में मौजूद सभी नोटों का 10.8 प्रतिशत) रह गया है। आरबीआई ने कहा कि अब इन नोटों का उपयोग आम तौर पर लेन-देन में नहीं होता है। इसके अलावा, लोगों की करेंसी की जरूरत पूरी करने के लिए दूसरे मूल्यों के नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।

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