नोएडा प्राधिकरण के साथ 13 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। आरोपी ने पहले तो प्राधिकरण के नाम से फर्जी खाता खेला।

इसके बाद उसमें प्राधिकरण की 200 करोड़ की एफडी से कई बार में 13 करोड़ रु पए ट्रांसफर कराए। फिर उस खाते से करीब 3.90 करोड़ की रकम दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दी। आरोपी खाते में बचे 9 करोड़ रुपए भी पार करने की फिराक में थे, लेकिन उससे पहले ही बैंक ने खाता फ्रीज कर दिया। नोएडा प्राधिकरण की ओर से थाना सेक्टर-58 में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। पुलिस जल्द घटना का खुलासा कर सकती है।

दरअसल, पूरा मामला एक एफडी से जुड़ा हुआ है। प्राधिकरण ने 15 जून को 200 करोड़ की एफडी कराने के लिए टेंडर निकाला। टेंडर की शर्त थी कि जो बैंक ज्यादा ब्याज देगा, उसी में एफडी कराया जाएगा। इसके लिए नोएडा के कई बैंकों की ब्रांचों ने आवेदन किया। सबसे ज्यादा ब्याज सेक्टर-62 की बैंक ऑफ इंडिया ने ऑफर किया। बैंक अधिकारियों ने प्राधिकरण से संपर्क किया। नियम बताने के बाद प्राधिकरण ने 200 करोड़ रुपए बैंक के खाते में जमा कर दिए। नियमत: जिस बैंक में एफडी होती है, वहां एक खाता होना जरूरी है। ऐसे में साइनिंग अथारिटी प्राधिकरण ने बनाई। इसके लिए एक अधिकारी को नामित किया।

इस साइनिंग अथारिटी से प्राधिकरण को बैंक जाकर प्राधिकरण का खाता खोलना था। लेकिन, साइनिंग के पहुंचने से पहले ही एक जालसाज बैंक पहुंच गया। जालसाज ने फर्जी दस्तावेजों से प्राधिकरण के नाम से एक खाता खोला। इस खाते में प्राधिकरण की ओर से जमा कराए गए 200 करोड़ में 13 करोड़ जमा करने के लिए कहा। इसके बाद बैंक ने 13 करोड़ रुपए फर्जी खाते में जमा कर दिए। जालसाज ने उन 13 करोड़ में से 3.90 करोड़ रुपए तीन अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए और फरार हो गया।

एडीसीपी शक्ति अवस्थी ने बताया कि थाना सेक्टर-58 में प्राधिकरण ने मुख्य वित्त अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने एफडी के लिए बैंक में जमा कराए गए रुपए के धोखाधड़ी से निकालने के संबंध में तहरीर दी गई थी। मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। एक बैंककर्मी और अन्य कर्मिंयों की संलिप्तता की जांच की जा रही है। अब्दुल कादिर नाम के दस्तावेज में सिग्नेचर है। उसकी भी जांच कराई जा रही है।

प्राधिकरण के पास सोमवार को ही जानकारी पहुंचती है। प्राधिकरण के एफडी को चेक किया, तो पता चलता है कि ये फर्जी है। फाइनेंस कंट्रोलर की ओर से बैंक को फर्जीबाड़े की जानकारी दी गई। तभी बैंक अधिकारी ने उन्हें खाता और 13 करोड़ रुपए के ट्रांसफर करने के बारे में बताया। इसके बाद बैंक अधिकारी ने खाते की रकम चेक की। पता चला कि 3.90 करोड़ रुपए तीन खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। अधिकारी ने तुरंत खाते में बचे करीब 9 करोड़ की रकम फ्रीज कर दी।

प्राधिकरण की ओर से थाना सेक्टर-58 पुलिस से मामले की शिकायत की गई है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में पता चला है कि प्राधिकरण के नाम से खाता खोलने में जो दस्तावेज लगाए गए हैं, वो पुडुचेरी के किसी शख्स के हैं। जो प्राधिकरण का फर्जी साइनिंग अथारिटी बनकर बैंक आया था। पुलिस ने एक शख्स को हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।

प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि फ्रॉड की जानकारी मिली है। फर्जी तरीके से प्राधिकरण का खाता खोलकर 13 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। इसमें 3.90 करोड़ रुपए अन्य खातों में चले गए हैं। बाकी के 9 करोड़ रुपए फ्रीज करा दिए गए है। पुलिस को शिकायत दी गई है। साथ ही बैंक अधिकारियों ने लिखित में दिया है कि जो भी रकम प्राधिकरण की गई है, उसे वापस किया जाएगा।

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