भारतीय किसान परिषद के नेतृत्व में नोएडा प्राधिकरण के गेट पर 23 दिनों से 81 गांव के किसानों का धरना चल रहा है।

मंगलवार को प्राधिकरण के गेट पर किसानों की ओर से तालाबंदी की जानी थी, लेकिन पुलिस अधिकारियों के कुछ देर किसान नेताओं से बात करने के बाद यह धरना नाटकीय ढंग से स्थगित कर दिया गया और कुछ दिनों में चेयरमैन और आईडीसी मनोज सिंह से मिलने की बात का आश्वासन लेकर किसान लौट गए।

पुलिस प्रशासन ने किसानों को तालाबंदी करने से रोककर तीन-चार दिन में नोएडा चेयरमैन व आईडीसी मनोज कुमार सिंह से बातचीत कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद 10 जनवरी तक तालाबंदी का फैसला स्थगित करने का ऐलान धरना स्थल से भारतीय किसान परिषद राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर ख़लीफ़ा ने कर दिया।

उन्होंने कहा कि 5 जनवरी को सेक्टर-24 स्थित एनटीपीसी मुख्यालय और 22 जनवरी को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दोनों गेट पर तालाबंदी होगी। किसानों के इस फैसले ने अब बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

गौरतलब है कि सोमवार को धरना स्थल पर नोएडा प्राधिकरण अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय कुमार खत्री व सतीश पाल, मुख्य विधि अधिकारी रविंद्र प्रसाद गुप्ता ने डीसीपी हरीश चंदर, एसीपी रजनीश वर्मा के सामने किसानों से तालाबंदी नहीं करने और उनकी शासन में लंबित मांगों को लेकर चेयरमैन मनोज कुमार सिंह से वार्ता कराने की बात कही थी, लेकिन उस समय किसानों ने प्राधिकरण अधिकारियों पर यह आरोप लगाया कि उन्होंने चेयरमैन से वार्ता का दिन निर्धारित नहीं किया है। ऐसे में प्राधिकरण कार्यालय पर दो जनवरी को तालाबंदी होकर रहेगी। यह फैसला किसी भी कीमत पर वापस नहीं होगा।

इसके बाद अगले ही दिन मंगलवार को पुलिस अधिकारियों के समझाने पर किसानों ने अपने धरने और तालाबंदी को स्थगित कर दिया तो अब कई सवाल उठ रहे हैं।

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