हरियाणा के नूंह में सोमवार को हिंसा के चलते चार लोगों की मौत हो गई थी। यह हिंसा उस वक्त भड़की जब विश्व हिंदू परिषद की ओर से यात्रा निकाली जा रही थी। अब यह हिंसा गुरुग्राम तक पहुंच गई है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार नूंह में हिंसा की बड़ी वजह पर्याप्त संख्या में पुलिस बल का तैनात नहीं होना और इंटेल इनपुट को नजरअंदाज करना है। इसके अलावा लोगों के भीतर गो रक्षकों को लेकर गुस्सा था, जिसकी वजह से यहां हिंसा भड़की।
नूंह के डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर विश्वजीत ने बताया कि हमारे विभाग की ओर से आधिकारिक चेतावनी जारी की गई थी। हमने इनपुट दिया था कि बृज मंडल यात्रा के दौरान मुस्लिम बाहुल्य इलाके से जब यह यात्रा गुरजरेगी तो तनाव बढ़ सकता है।
हमने यह निश्चित इनपुट दिया था कि ये लोग यात्रा के दौरान तनाव बढ़ा सकते हैं, नारेबाजी हो सकती है, तलवारें लहराई जा सकती हैं। हमने तकरीबन 10 दिन पहले सरकार के साथ ये तमाम इनपुट शेयर किए थे।
दरअसल गोरक्षक मोनू मानेसर को लेकर लोगों में काफी नाराजगी थी। बजरंग दल से जुड़े मोनू ने एक वीडियो संदेश के जरिए कहा था कि वह इस यात्रा में हिस्सा लेगा। हालांकि वह इसमे शामिल नहीं हुआ था। वीएचपी की ओर से कहा गया था कि उसके शामिल होने से तनाव बढ़ सकता है। लेकिन अफवाह यह उड़ी मोनू इस दौरान यहां रहेगा, जिसकी वजह से हिंसा भड़की।
विश्वजीत ने बताया कि किसी ने अफवाह फैला दी कि मोनू यात्रा में आ रहा है। फिर स्थानीय लोगों ने इस यात्रा को रोकने की तैयारी कर ली। वो रास्ते को बाधित करना चाहते थे। वरिष्ठ अधिकारियों को लगा कि वह हालात को संभाल सकते हैं। उन्होंने इसे सामान्य तौर पर लिया, उन्हें लगा कि वह भीड़ को समझा लेंगे कि मोनू यहां नहीं आया है।
लेकिन मोनू के आने की अफवाह के बीच एकदम से लोग इकट्ठा हो गए, लोग यात्रा के रास्ते पर पहुंच गए, ये लोग बाइक पर सवार होकर यहां पहुंचे। ये सभी 17-22 वर्ष के युवा थे। दंगाइयों ने नूंह में साइबर पुलिस स्टेशन मके भीतर बस घुसा दी। जिसके बाद हालात और बिड़ग गए।
वहीं एसएचओ किशन कुमार का कहना है कि उन्हें किसी भी तरह की खुफिया इंटेल नहीं मिली थी कि इस यात्रा के दौरान चीजें बिगड़ सकती हैं। मुझे वरिष्ठ अधिकारिओं की ओर से कोई इंटेल नहीं मिला था। अगर हमे जानकारी दी गई होती तो हम कार्रवाई कर सकते थे। यह यात्रा कोई आपात यात्रा नहीं थी। एसएचओ ने बताया कि जितने पुलिसकर्मी थे सभी को तैनात किया गया था। पूरे रूट पर उन्हें तैनात किया गया था, लेकिन रूट को और बढ़ा दिया गया था। हमारे पास अतिरिक्त पुलिस बल नहीं था।