तुर्की के संसद की विदेश मामलों की समिति ने विचार-विमर्श के बाद स्वीडन की नाटो की सदस्यता संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब पूरी संसद इस पर मतदान करेगी।

स्थानीय समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, नाटो में स्वीडन के प्रवेश प्रोटोकॉल को मंजूरी देने से संबंधित विधेयक को सत्तारूढ़ जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी, नेशनलिस्ट मूवमेंट पार्टी और मुख्य विपक्षी रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी के वोटों के साथ समिति द्वारा अपनाया गया।

आईवाईआई (गुड) पार्टी ने विधेयक के खिलाफ मतदान किया, जबकि पीपुल्स इक्वेलिटी एंड डेमोक्रेसी पार्टी ने मतदान में भाग नहीं लिया।

समिति के अध्यक्ष फुआट ओकटे ने कहा कि स्वीडन ने विशेष रूप से आतंकवाद के वित्तपोषण के संबंध में कदम उठाए हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि तुर्की ने “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अभी तक अपेक्षित परिणाम नहीं देखे हैं”।

अंतिम वोट के लिए संसद इस सप्ताह के अंत में आम सभा में विधेयक पर बहस कर सकती है। लेकिन यदि संसद अवकाश में चली जाती है, तो मतदान आने वाले नए साल तक विलंबित हो जाएगा।

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने अक्टूबर में स्वीडन के नाटो परिग्रहण प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए और इसे संसद को सौंप दिया।

तुर्की ने मार्च में फ़िनलैंड की नाटो सदस्यता को मंजूरी दे दी थी, लेकिन स्वीडन के शामिल होने की प्रक्रिया धीमी कर दी है, जिससे नॉर्डिक देश से अंकारा की सुरक्षा चिंताओं को दूर करने की मांग की जा रही है।

स्वीडन के नाटो में शामिल होने को मंजूरी देने के लिए तुर्की पर अमेरिका का दबाव है, लेकिन अंकारा एफ-16 लड़ाकू विमानों की बिक्री की अनुमति देने के लिए वाशिंगटन पर दबाव डालने के लिए मंजूरी को लटकाये हुए है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights