रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) के बाद गुरूवार को रेपो रेट को लेकर ऐलान कर दिया गया है। आरबीआई ने इस बार भी रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया।
पिछले एक साल में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया है। इसका मतलब कि होम लोन, वाहन लोन या अन्य किसी कर्ज की मासिक किस्त (EMI) में कोई बदलाव नहीं होगा।
साथ ही अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत रखा है। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के 5.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है।
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने आखिरी बार इसमें फरवरी 2023 में बदलाव किया गया था। आरबीआई ने रेपो रेट को 25 आधार अंक (BPS) या 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया था।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गर्वनर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा को जारी कर दिया। उन्होंने प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट में इस बार भी किसी तरह का बदलाव नहीं किया। इसे 6.5 प्रतिशत पर ही बरकरार रखा गया है।
मौद्रिक नीति समिति (MPC) की मंगलवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘एमपीसी ने परिस्थितियों पर गौर करने के बाद रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया।’’
इसके साथ, एमपीसी ने उदार रुख को वापस लेने के अपने रुख पर भी कायम रहने का निर्णय किया है।
दास ने कहा, ‘‘वैश्विक चुनौतियों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। एक तरफ आर्थिक वृद्धि बढ़ रही है, वहीं महंगाई कम हो रही है। हमारी बुनियाद सृदृढ़ है।’’
इससे पहले, मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी।