दिल्ली में बीजेपी सरकार अस्तित्व में आने के एक दिन ​बाद पार्टी के नेता और अगले स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने शुक्रवार (21 फरवरी) को बताया कि विधानसभा का सत्र 24 फरवरी को शुरू होगा. यह सत्र 27 फरवरी 2025 को समाप्त होगा. चौंकाने वाली बात यह है कि बीजेपी सरकार नवगठित  विधानसभा के पहले सत्र में ही कैग (CAG) रिपोर्ट पेश करेगी.

दिल्ली विधानसभा का सत्र 24, 25 और 27 फरवरी 2025 को होगा. नवगठित दिल्ली विधानसभा के पहले सत्र में सबसे पहले नए विधायकों का शपथ ग्रहण होगा. दूसरे दिन CAG की 14 रिपोर्ट को सदन में रखा जाएगा. 

दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी के लोगों से वादा किया था कि बीजेपी की सरकार बनने के बाद पहली विधानसभा सत्र में ही हमारी पार्टी कैग रिपोर्ट पेश करेगी. अब 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करने वाली बीजेपी सरकार पीएम के उन्हीं वादे पर अमल करती नजर आ रही है. रेखा गुप्ता के नेतृत्व में बनी नई सरकार ने भी गुरुवार को हुई पहली कैबिनेट बैठक में कैग रिपोर्ट पेश करने का फैसला लिया था.

बीजेपी कैग रिपोर्ट पेश करने पर क्यों दे रही जोर?

दरअसल, दिल्ली बीजेपी के नेता लंबे अरसे दिल्ली आबकारी नीति, दिल्ली जल बोर्ड सहित कई विभागों से संबंधित कैग की रिपोर्ट पेश करने की मांग आप सरकार से करती आई है. जनवरी 2025 में केजरीवाल सरकार के कार्यकाल के अंतिम विधानसभा सत्र के दौरान भी बीजेपी ने इसको लेकर सदन में हंगामा मचाया था. बीजेपी नेताओं का आरोप है कि आप सरकार कैग रिपोर्ट पेश न कर पिछले 10 सालों के दौरान हुए भ्रष्टाचार को छुपाना चाहती है. 

इसके जवाब में विधानसभा सचिवालय की ओर से कहा गया था कि विधानसभा का कार्यकाल फरवरी में खत्म हो रहा है, इसलिए सीएजी की रिपोर्ट पेश करने की कोई आवश्यकता नहीं है. दिल्ली सरकार की ओर से हाईकोर्ट में पेश वकील ने अदालत से कहा था कि सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा पटल पर रखे जाने की कोई जल्दबाजी नहीं है. 

इसके जवाब में याचिकाकर्ता बीजेपी विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा था कि कोर्ट स्पीकर को विधानसभा का सत्र बुलाने का निर्देश दे सकती है. उस समय कोर्ट ने ये भी कहा था कि क्या हाई कोर्ट अपनी ओर से विधानसभा स्पीकर को विशेष सत्र बुलाने का निर्देश दे सकती है.

बता दें कि CAG रिपोर्ट का सरकार और जनता के लिए बड़ा महत्व होता है. यह रिपोर्ट बताती है कि सरकार का पैसा सही तरीके से खर्च हुआ है या नहीं. इसमें सरकारी विभागों, योजनाओं और परियोजनाओं में हुए खर्च की जांच होती है. अगर कहीं घोटाले या गड़बड़ी होती है तो CAG रिपोर्ट उसे उजागर करती है. पिछली रिपोर्टों में दिल्ली में कई योजनाओं में गड़बड़ी के संकेत मिले थे, जिन पर काफी राजनीतिक बहस भी हुई थी.

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights