प्रयागराज। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के खिलाफ चल रहे जगबीर सिंह हत्याकांड के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार भी नरेश टिकैत के खिलाफ खुलकर सामने आ गई है। प्रदेश सरकार के न्याय विभाग ने पूर्व मंत्री योगराज सिंह की याचिका का समर्थन करते हुए योगराज सिंह द्वारा की गई गवाहों के बयान की मांग का समर्थन किया है, जिस पर कल हाई कोर्ट में सुनवाई होगी।

जैसा कि आप जानते हैं कि 6 सितंबर 2003 को वरिष्ठ किसान नेता चौधरी जगबीर सिंह की अपने गांव अलावलपुर माजरा जाते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत समेत दो अन्य अभियुक्त नामजद किए गए थे, दोनों नामजद अभियुक्तों  प्रवीण और बिट्टू की मृत्यु हो चुकी है और अब इस मामले में केवल नरेश टिकैत ही अभियुक्त हैं, जिनके खिलाफ मामले की सुनवाई चल रही है।

चौधरी जगबीर सिंह के पुत्र और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री योगराज सिंह इस मामले की लगातार मजबूती से पैरवी करते चले आ रहे हैं।  योगराज सिंह पिछले कई महीने से सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर रहे थे कि इस मामले की सुनवाई मुजफ्फरनगर में अपर जिला जज अशोक कुमार की अदालत से स्थानांतरित कर दी जाए। यह याचिका पहले जिला न्यायाधीश चवन प्रकाश की अदालत में दाखिल की गई थी, जिन्होंने निरस्त कर दिया था ,जिसके बाद  मामला हाई कोर्ट पहुंचा,जहाँ मुकदमा अपर जिला जज अशोक कुमार की अदालत से किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने और इस मामले के पुराने गवाहों को वापस बुलाने की याचिका दाखिल की गयी थी।  सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले को उत्तर प्रदेश से बाहर स्थानांतरित करने की याचिका दाखिल की गई थी लेकिन वहां से भी योगराज सिंह को कोई राहत नहीं मिली थी।

अब इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार भी नरेश टिकैत के खिलाफ योगराज सिंह की याचिका के समर्थन में आ गई है।  प्रदेश सरकार के शासकीय अधिवक्ता ने  हाईकोर्ट में नरेश टिकैत के खिलाफ दायर इस याचिका की सुनवाई करने पर बल दिया है।  मुज़फ्फरनगर के एडीजीसी अमित त्यागी ने न्याय विभाग को इस मामले में रिपोर्ट भेजी थी जिसके बाद प्रदेश सरकार के न्याय विभाग ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर दी है।  न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता की अदालत में दायर की गयी इस याचिका संख्या 482 की आज सुनवाई की गयी और कल फिर सुनवाई की जाएगी। इस मामले में भोपा के सीओ की तरफ से भी हाईकोर्ट में एक शपथ पत्र दाखिल किया गया है। अब इस मामले में कल एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश राजीव मिश्रा की अदालत में सुनवाई की जाएगी।

योगराज सिंह पक्ष ने अदालत के समक्ष यह भी मुद्दा उठाया है कि इस हत्या से कुछ माह पूर्व चौधरी जगबीर सिंह 28 अक्टूबर 2002 को सिसौली में पंचायत करने गए थे तो पंचायत पर हमला किया गया था जिसमे तत्कालीन थानाध्यक्ष एस.एस. चौधरी को नरेश टिकैत ने थप्पड़ मार दिया था, जिसका मुकदमा भी पुलिस ने नरेश टिकैत के खिलाफ दर्ज किया था और उसमे चार्जशीट भी अदालत में भेजी थी। लेकिन यह मुकदमा 23-12- 2011 में प्रदेश सरकार ने वापस ले लिया था। जिस पर 8 फरवरी 2012 को अदालत ने मुकदमा वापस लेने को मंजूरी भी दे दी थी। अब इस मामले में पुनः गवाही की प्रार्थना की गयी है। साथ ही  पुलिस उपनिरीक्षक गुलाब चंद आर्य को भी तलब करने की मांग की गयी है जो जगबीर सिंह की डायरी ले गए थे, जिसमे उन्होंने टिकैत परिवार से अपनी हत्या की आशंका जताई थी।

आपको बता दें कि किसान आंदोलन के समय से भारतीय किसान यूनियन और बीजेपी सरकार के बीच तनातनी का माहौल चल रहा है और भारतीय जनता पार्टी का किसान यूनियन द्वारा कई बार खुलकर विरोध किया गया है। मुजफ्फरनगर के सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान के साथ भी नरेश टिकैत के रिश्ते बीच में बिगड़ गए थे लेकिन मुजफ्फरनगर में कृषि मेले में नरेश टिकैत, राकेश टिकैत, गौरव टिकैत , नरेंद्र टिकैत, सभी डॉक्टर संजीव बालियान के बुलावे  पर नुमाईश मैदान में गए थे जिसके बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों के संबंध अब फिर सुधर गए हैं, पर अब प्रदेश सरकार द्वारा टिकैत के खिलाफ याचिका का समर्थन करने से भाजपा सरकार द्वारा नरेश टिकैत का विरोध किए जाने के फिर संकेत मिल रहे हैं।

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