केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि नया वक्फ कानून संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकेगा और वक्फ भूमि का उपयोग लोगों के विकास के लिए सुनिश्चित करेगा।
संसद के दोनों सदनों में लंबी बहस के बाद बृहस्पतिवार को लोकसभा ने और शुक्रवार को राज्यसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पारित कर दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को विधेयक को अपनी सहमति दे दी।
अधिनियम का उद्देश्य विरासत स्थलों की सुरक्षा और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने के प्रावधानों के साथ वक्फ संपत्तियों (धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए मुसलमानों द्वारा स्थायी रूप से दान की गई संपत्ति) के प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना है।
यह संपत्ति प्रबंधन में पारदर्शिता बढ़ाने, वक्फ बोर्डों और स्थानीय प्राधिकरणों के बीच समन्वय को सुव्यवस्थित करने और हितधारकों के अधिकारों की रक्षा करके शासन में सुधार करने का भी प्रयास करता है।
अपने संसदीय क्षेत्र गुना पहुंचने के बाद पत्रकारों से बातचीत में सिंधिया ने कहा, ‘‘विपक्ष की सोच और विचारधारा वक्फ (बोर्ड) के मामलों को एकाधिकार से चलाने और चीजों (संपत्तियों) का दुरुपयोग करने की है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) और सरकार ने उन्हें बेनकाब कर दिया है। अब वक्फ की जमीन का इस्तेमाल लोगों के विकास के लिए किया जाएगा और यही मुस्लिम समुदाय सहित पूरे समाज की विचारधारा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वक्फ विधेयक ने उन लोगों के एकाधिकार को भी समाप्त कर दिया है जिनके निहित स्वार्थ हैं और जो मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए भी संपत्तियों का उपयोग नहीं करना चाहते हैं। अब इसका इस्तेमाल पूरी आजादी के साथ समुदाय के विकास और लोगों के कल्याण के लिए किया जाएगा।’’
गुजरात में जारी कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के सत्र के बारे में पूछे जाने पर सिंधिया ने कहा, ‘‘कांग्रेस केवल अपने सत्र के बारे में बात करेगी, लेकिन चुनावी रणनीति और माहौल लोगों द्वारा बनाया जाता है। हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री अपने काम के आधार पर यह माहौल बनाते हैं। हालांकि, लोकतंत्र में हर पार्टी को अपना सत्र आयोजित करने का अधिकार है।’’
इससे पहले, सिंधिया ग्वालियर शहर में मुख्यमंत्री मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के साथ वीडियो लिंक के माध्यम से एक रेलवे ओवरब्रिज और दो छात्रावासों के उद्घाटन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि 1300 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से ग्वालियर में ‘वेस्टर्न बाईपास’ की स्वीकृति से इसके विकास को और गति मिलेगी।