अलीगढ़ में नामांकन पत्रों की जांच में मंगलवार को अधिकारियों को काफी माथा-पच्ची करनी पड़ी। नगर पालिका, नगर पंचायत अध्यक्ष पद तक के लिए एक ही पार्टी से दो-दो लोगों ने नामांकन कर डाला। रिटर्निंग आफिसर ने सबसे पहले नामांकन करने वाले प्रत्याशी को ही स्वीकार किया है। दूसरे प्रत्याशी को निर्दलीय घोषित कर दिया। मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच की गई। इसमें सपा, बसपा और कांग्रेस की ओर से एक ही सीट पर दो-दो प्रत्याशियों सिंबल दे दिए गए। लेकिन, रिटर्निंग आफिसर ने जांच में इन्हें पकड़ लिया। पहला मामला अतरौली नगर पालिका से जुड़ा है। यहां पर सपा ने वीरेंद्र लोधी को प्रत्याशी घोषित किया।
इसके बाद वीरेंद्र लोधी का नामांकन निरस्त करते हुए रईस को दे दिया। इन्होंने भी बी फार्म के साथ नामांकन कर दिया, लेकिन पार्टी की ओर से नामांकन की अंतिम समय से कुछ देर पहले इनका भी टिकट निरस्त करते हुए दोबारा से वीरेंद्र सिंह लोधी को अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया। ऐसे में नामांकन पत्रों की जांच में वीरेंद्र लोधी को ही अधिकृत प्रत्याशी माना है। दूसरा मामला जलाली से जुड़ा है। यहां पर नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए मुन्ना और चमन नाम के व्यक्ति ने सपा से नामांकन किया, लेकिन प्रशासन ने जांच की तो तथ्यों के आधार पर पार्टी की ओर से चमन को अधिकृत प्रत्याशी माना।
निकाय चुनाव में गुपचुप नामांकन दाखिल करने के मामले भी सामने आ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी से वार्ड 74 केलानगर से अफरोज पत्नी वसीम ने नामांकन दाखिल कर दिया, जिसको पार्टी ने फार्म बी नहीं दिया है। प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने आरओ को अफरोज का नामांकन निरस्त करने को पत्र लिखा है। कांग्रेस महानगर अध्यक्ष सलाउद्दीन वसी ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने वार्ड 74 केला नगर से रईसा बेगम को टिकट और फार्म बी दिया है। लेकिन इसी वार्ड से अफरोज पत्नी वसीम ने नामांकन डुप्लीकेट फार्म से दाखिल कर दिया है।