सहारनपुर(मनीष अग्रवाल)। शहर के वेंडरों से मासिक वसूली के ठेकेदार द्वारा वेंडरों से वसूली कर नगर निगम में जमा न कराने को नगरायुक्त ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने अपर नगरायुक्त को जांच के आदेश देते हुए कहा कि ठेके की अवधि में वेंडरों से यदि वसूली हुई है और निगम में निर्धारित अवधि में धनराशि जमा नहीं हुई है तो ठेकेदार मै.कालू कॉन्ट्रैक्टर प्रो. मौहम्मद आसिफ के खिलाफ धोखाधड़ी व अमानत में ख्यानत की एफआईआर दर्ज करायें। नगरायुक्त संजय चौहान ने वेंडरो से मासिक वसूली तथा सम्बंधित ठेकेदार फर्म द्वारा निगम में जमा करायी गयी धनराशि के सम्बंध में अधिकारियों से जानकारी के बाद उक्त निर्देश दिए। कर अधीक्षक सुधीर शर्मा ने बताया कि वर्ष 2024-25 के लिए शहर के पथ विक्रेताओं से मासिक वसूली का ठेका मै. कालू कॉन्ट्रैक्टर प्रो. मौहम्मद आसिफ निवासी देहरादून को एक करोड़ ग्यारह लाख सौ रुपये में दिया गया था। लेकिन उक्त ठेकेदार फर्म द्वारा केवल 53 लाख 51 हजार रुपये ही जमा कराये गए, जबकि 58 लाख 28 हजार 600 रुपये अभी बकाया है। उन्होंने बताया कि अनुबंध की शर्त संख्या 10 के अनुक्रम में मै.कालू कॉन्ट्रैक्टर प्रो. मौहम्मद आसिफ के पक्ष में आवंटित ठेके को निरस्त कर जमा जमानत राशि अंकन ग्यारह लाख रुपये व जमा धनराशि अंकन 53 लाख 51 हजार को जब्त करते हुए काली सूची में डाले जाने, ठेकेदार का चरित्र प्रमाण पत्र निरस्त करने एवं बकाया धनराशि अंकन 58 लाख 28 हजार 600 रुपये का वसूली प्रमाण निर्गत करने की आख्या राजस्व विभाग द्वारा की गयी हैं। जिस पर नगरायुक्त ने अपर नगरायुक्त राजेश यादव को जांच के आदेश दिए हैं।
जांच आदेश में नगरायुक्त ने कहा कि जिस अवधि में धनराशि देय है, क्या उस अवधि में वेंडरों से वसूली हुई, यह जांच कर ले। यदि वेंडरों से वसूली हुई है और निगम को देय धनराशि राजकोष में निर्धारित अवधि में जमा नहीं हुई है तो यह धोखाधड़ी, अमानत में ख्यानत व गबन की श्रेणी का मामला है। नगरायुक्त ने आख्या मांगते हुए ठेकेदार मै. कालू कॉन्ट्रेक्टर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।

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