कानून में आमूल-चूल परिवर्तन के बाद राजस्थान पुलिस इसे लागू करने की तैयारी में जुट गई है। पुलिस महानिदेशक ने इसके लिए 26 आईपीएस अधिकारियों की सात टीमें बनाई है, जो तीन नए कानून का अध्ययन करने के साथ उसके लागू करने में आने वाली सम्भावित चुनौतियों को चिह्नित करेंगी। इसके बाद ये टीमें तीनों कानून को लागू करवाने का रोडमैप भी तैयार करेंगी। इसको अंतिम रूप देने के लिए 15 फरवरी तक का समय दिया गया है।
ये हैं वर्तमान कानून
1. भारतीय दण्ड संहिता 1860
2.भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973
3.भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872
ये हैं नए कानून
1.भारतीय न्याय संहिता 2023
2.भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023
3.भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023
ये समितियां तैयार करेंगी रोडमैप
1. विधिक: एडीजी एस सेंगाथिर, आईजी विकास कुमार, डीआईजी राजेश सिंह, डीसीपी संजीव नैन
2. टेक्नीकल इन्टीग्रेशन: एडीजी सुनील दत्त, आईजी शरत कविराज, डीआईजी विकास पाठक, एसपी सुधीर चौधरी
3. फॉरेंसिक क्षमता वृद्धि एवं अपग्रेडेशन: एडीजी प्रशाखा माथुर, आईजी राजेश मीणा, डीआईजी प्रदीप मोहन शर्मा, डीआईजी योगेश यादव
4. सभी हितधारकों के प्रशिक्षण: एडीजी मालिनी अग्रवाल, आईजी उमेश चन्द दत्ता, डीआईजी दीपक भार्गव, एसपी शान्तनु कुमार सिंह
5. वित्तीय संसाधन निर्धारण: एडीजी गोविन्द गुप्ता, आईजी अशोक कुमार गुप्ता, एफए राजेश गुप्ता, डिप्टी एफए ओमप्रकाश
6. अभियोजन शाखा में आवश्यक परिवर्तन: एडीजी विजय कुमार सिंह, आईजी प्रफुल्ल कुमार, एसपी विकास शर्मा, एसपी करन शर्मा
7. डिजीटल/साइबर अनुसंधान: एडीजी विशाल बंसल, आईजी गौरव श्रीवास्तव, एसपी देशमुख, एसपी राजेश मीणारोड मैप में यह तैयारी की जाएगी
1. वर्तमान कानून व नए कानून की बदली हुई धाराओं को चिह्नित किया जाएगा
2. नए कानूनों की उन धाराओं को चिह्नित किया जाएगा, जो वर्तमान कानून में नहीं हैं
3. नए कानूनों को लागू करने की प्रक्रिया तय की जाएगी
4. पुलिस विभाग, कारागार, न्यायालय, विधि विज्ञान प्रयोगशाला में किए जाने वाले तकनीकी अपग्रेडेशन का भी आकलन होगा
5. थाने से लेकर पुलिस मुख्यालय तक सभी कार्मिकों को प्रशिक्षण देने की रूप रेखा तैयार होगी।
नए कानून को लागू करने का काम बहुत ही महत्वपूर्ण व चुनौतीपूर्ण है। इसके लिए आवश्यक आधारभूत ढांचागत परिवर्तन, प्रशिक्षण, दक्षता एवं बाध्यकारी प्रक्रियाओं को चिह्नित कर सभी पक्षों एवं पुलिस बल को इसके लिए तैयार किया जाना है।