जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले से आई रिपोर्टों के अनुसार, चिनाब नदी पर बने सलाल बांध के गेट बंद किए जाने के बाद नदी के जलस्तर में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इससे पहले रामबन जिले में स्थित बगलिहार डैम का पानी भी रोका गया था। दोनों निर्णयों के बाद से चिनाब नदी का बहाव पाकिस्तान की ओर काफी कम हो गया है, जिसके दूरगामी प्रभाव पड़ने तय माने जा रहे हैं।

दो दिन में दो बड़े बांधों पर कार्रवाई
भारत सरकार द्वारा 4 मई को सलाल डैम के गेट बंद करने के फैसले के बाद रियासी में चिनाब का बहाव अप्रत्याशित रूप से घटा है। इससे एक दिन पहले रामबन के बगलिहार बांध से पाकिस्तान की ओर बहता पानी रोका गया था।

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इन दोनों कदमों को केंद्र सरकार की आतंकवाद के खिलाफ रणनीतिक जवाब के रूप में देखा जा रहा है।

अमित मालवीय बोले- पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता”
बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले की सराहना करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “भारत के हित में सख्त फैसले लेना राजनीतिक इच्छाशक्ति की मांग करता है। मोदी जी ने यह साहसिक कदम उठाकर दिखा दिया कि हम आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकते हैं।”

स्थानीय लोगों में भी फैसले को लेकर समर्थन
रियासी के स्थानीय नागरिकों ने सरकार के इस कदम का खुलकर समर्थन किया है। एक निवासी दिनेश ने कहा, “पाकिस्तान ने हमारे पर्यटकों को निशाना बनाया, उसे अब हर मोर्चे पर जवाब मिलना चाहिए।” एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “यह हमारे आत्मसम्मान की बात है। हम सरकार के साथ हैं।”

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