लखनऊ: समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर विपक्षी पार्टियां और मुस्लिम संगठन विरोध पर पर उतर गए है। इसी क्रम में मुस्लिम लीग के नेता मोहम्मद अतीक ने UCC का विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि देश में  सभी धर्म पंत जाती के लोग अपने पर्सनल लॉ पर चल रहे है।  समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यूसीसी को लेकर प्रधान मंत्री लोगों गुमराम कर रहे है। सुप्रीम कोर्ट के पीछे छुपकर सरकार मुसलमानों को डरा रही है। उन्होंने कहा कि ये तीन तलाक, बाबरी मस्जिद का मामला नहीं, है कि हम चुप रहेगे। UCC का हम विरोध करेगे। जरूरत पड़ी तो हम संसद का घेराव भी करेंगे।

दरअसल, प्रधानमंत्री ने भोपाल में एक जनसभा में सवालिया लहजे में कहा कि मिस्र में 80-90 साल पहले तीन तलाक प्रथा को खत्म कर दिया गया और यदि यह जरूरी ही था तो फिर पाकिस्तान, कतर एवं अन्य मुस्लिम बहुल देशों में इसे क्यों खत्म कर दिया गया? उन्होंने कहा कि आज देश में तीन तलाक का कानून लागू है। आज महिलाओं का शोषण कम हुआ है।

यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है कि हर धर्म, जाति, संप्रदाय, वर्ग के लिए पूरे देश में एक ही नियम लागू हो। दूसरे शब्दों में कहे तो एक समान कानून के साथ ही सभी धार्मिक समुदायों के लिये विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने के नियम एक ही होंगे।  संविधान के अनुच्छेद-44 में सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने की बात कही गई है।  अनुच्छेद-44 संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में शामिल है। इस अनुच्छेद का उद्देश्य संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य’ के सिद्धांत का पालन करना है।

 

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