सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने बुधवार को कहा कि देश में एक प्रभावी रक्षा-उद्योग का परिवेश मूर्त रूप ले रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अपने-अपने क्षेत्र के अनुभव वाले भूतपूर्व सैनिक स्वदेशी अनुसंधान और बल के लिए आवश्यक तकनीकी समाधानों के निर्माण में शामिल होने के लिए ‘‘आदर्श रूप से उपयुक्त’’ हैं।

जनरल पांडे दिल्ली के मानेक शॉ सेंटर में आयोजित आर्मी वेलफेयर प्लेसमेंट आर्गेनाइजेशन (एडब्ल्यूपीओ) सम्मेलन-2024 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अपने भूतपूर्व सैनिकों की जिम्मेदारी एक ‘‘पवित्र प्रतिबद्धता’’ बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य उद्यम आवश्यकताओं, अनुभवी दक्षताओं और एडब्ल्यूपीओ की गतिविधियों के बीच अंतर को कम करने के लिए विभिन्न हितधारकों को एक मंच पर लाना है। सेनाध्यक्ष ने कहा, ‘‘उद्योग जगत में अंतत: कुशल और अनुभवी कार्यबल की मांग है।

वहीं, प्रत्येक वर्ष सक्रिय सेवा से बाहर निकलने के बाद, पर्याप्त अनुभव और अद्वितीय कौशल वाले भूतपूर्व सैनिकों का एक मानव संसाधन पूल उपलब्ध है। प्रयास इन दोनों के बीच तालमेल बिठाने के साथ-साथ उन संबंधों को मजबूत करने का है जो न केवल उद्योग, बल्कि सार्वजनिक उपक्रम और अर्ध-सरकारी संगठनों में भी अपने अनुभव से योगदान दे सकते हैं।

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