भारत में कोरोना वायरस के 1890 नए मामले सामने आए हैं जो कि 149 दिन में सबसे अधिक हैं। इसके बाद उपचाराधीन मरीज़ों की संख्या बढ़कर 9433 हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। देश में पिछले साल अक्टूबर में एक दिन में 2208 मामले सामने आए थे।
मंत्रालय ने बताया कि सात और संक्रमितों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 5,30,831 हो गई है। इनमें से दो-दो मौतें महाराष्ट्र और गुजरात में 24 घंटे के दौरान हुई जबकि केरल ने पूर्व के रिकार्ड का मिलान करने के बाद तीन मरीजों की मौत की जानकारी दी। दैनिक संक्रमण दर 1.56 प्रतिशत दर्ज की गई जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 1.29 प्रतिशत है। कोविड-19 के कुल मामले 4.47 करोड़ (4,47,04,147) हो गए हैं।
मंत्रालय ने बताया कि उपचाराधीन मरीज़ों की संख्या कुल मामलों का 0.02 प्रतिशत है जबकि संक्रमण से उबरने की राष्ट्रीय दर 98.79 प्रतिशत है। अबतक 4,41,63,883 लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं जबकि मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है। मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत देश में अबतक कोविड रोधी टीके की 220.65 करोड़ खुराकें लगाई जा चुकी हैं।
दिल्ली में हाल के दिनों में कोविड-19 के मामलों में धीरे-धीरे वृद्धि होने के बीच, कुछ चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि नया एक्सबीबी.1.16 स्वरूप मामलों में वृद्धि का कारण हो सकता है, लेकिन घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों को चाहिए कि कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करें और अगर टीकों की बूस्टर खुराक नहीं ली है तो ले लें।
विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि हो सकता है कि कई लोगों ने इंफ्लुएंजा वायरस के कारण बुखार और संबंधित बीमारियां होने पर एहतियात के तौर पर कोविड जांच कराई हो, जिसके कारण संक्रमण के मामलों में यह वृद्धि हुई हो। पिछले एक हफ्ते में, राष्ट्रीय राजधानी समेत देश के कुछ हिस्सों में एच3एन2 इंफ्लुएंजा के मामलों में तेज वृद्धि हुई है।
दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 150 नए मामले सामने आए और संक्रमण दर 6.66 प्रतिशत रही। इससे एक दिन पहले 117 मामले सामने आए थे और संक्रमण दर 4.95 प्रतिशत रही थी। मंगलवार के बाद से संक्रमण के मामलों में दोगुनी वृद्धि देखी गई है। मंगलवार को संक्रमण के 83 मामले सामने आए थे और संक्रमण दर 5.83 प्रतिशत रही थी जबकि मौत का एक मामला सामने आया था।
दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा संचालित सफदरजंग अस्पताल में मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. जुगल किशोर ने कहा कि कोविड “इंफ्लुएंजा के समान” हो गया है। यह वायरस हर साल रूप बदलकर लोगों को संक्रमित करता है। उन्होंने कहा, “ओमीक्रोन स्वरूप ने 95 प्रतिशत से अधिक आबादी को संक्रमित किया। लोगों ने इसके खिलाफ एंटीबॉडी विकसित कर ली। अगर कोई स्वरूप नया रूप धारण नहीं करता है तो उससे संक्रमण के कम मामले सामने आने की संभावना होती है।
एक्सबीबी.1.16 ओमीक्रॉन का एक प्रकार है, जो जापान में उत्पन्न हुआ है और चीन व सिंगापुर में पाया गया है। हो सकता है कि इसके कारण भारत में संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही हो।” डॉक्टर ने कहा कि एक्सबीबी.1.16 के बेहद संक्रामक होने की आशंका है। इसके कारण मामलों में वृद्धि होने का अनुमान है। लेकिन इससे अधिक मौतें नहीं होंगी। ज्यादा जांच होने पर ज्यादा मामले सामने आएंगे। हालांकि, डॉ. किशोर ने पुराने रोगों से ग्रस्त लोगों को आगाह करते हुए कहा है कि उनको अधिक खतरा है। किशोर ने कहा कि उन्हें डर है कि इन मामलों में मृत्यु भी हो सकती है।
किशोर ने कहा, “जिन लोगों ने टीकों की बूस्टर खुराक नहीं ली है, उन्हें इसे लेना चाहिए, विशेष रूप से उन लोगों को जिनके परिवार में लोग एक से अधिक रोग से पीड़ित हैं। दिल्ली सरकार के लोकनायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा, “वायरस के नए स्वरूप आते रहते हैं।” उन्होंने कहा, “लेकिन दिल्ली में मौजूदा स्थिति इंफ्लुएंजा के मामलों में वृद्धि से पैदा हुई है। जो लोग बीमार हो रहे हैं, वे कोविड-19 जांच करवा रहे हैं, इसलिए कोविड के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है।”