भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपनी अचल संपत्तियों के प्रबंधन और निगरानी को व्यवस्थित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देशभर में फैली कांग्रेस की संपत्तियों की देखरेख के लिए एक नया विभाग गठित करने की घोषणा की है। इस विभाग को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के तहत स्थापित किया गया है और इसे तुरंत प्रभाव से लागू किया गया है। इस पहल का उद्देश्य पार्टी की संपत्तियों का सही लेखा-जोखा तैयार करना, उनकी मौजूदा स्थिति की समीक्षा करना और उनके उचित रखरखाव को सुनिश्चित करना है। 
 
विजय इंदर सिंगला को मिली जिम्मेदारी

इस विभाग की जिम्मेदारी पूर्व सांसद और पंजाब सरकार में मंत्री रह चुके विजय इंदर सिंगला को सौंपी गई है। सिंगला वर्तमान में AICC के संयुक्त कोषाध्यक्ष भी हैं और अब उन्हें कांग्रेस की संपत्तियों के प्रबंधन की देखरेख का दायित्व सौंपा गया है। कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किए हैं, जिसमें सिंगला को इस नए विभाग का प्रभारी नियुक्त किया गया है।

क्यों लिया गया यह फैसला?

कांग्रेस के पास देशभर में कई कार्यालय, भवन, जमीन और अन्य अचल संपत्तियां हैं, जो दशकों से पार्टी के संचालन का आधार रही हैं। हालांकि, इन संपत्तियों की सटीक संख्या और उनके मूल्य को लेकर अब तक कोई आधिकारिक जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई थी। इस नए विभाग के गठन से पार्टी की संपत्तियों का व्यवस्थित ब्यौरा तैयार किया जाएगा, उनकी उपयोगिता का मूल्यांकन किया जाएगा और उनके बेहतर प्रबंधन की योजना बनाई जाएगी। इससे न केवल पार्टी की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी, बल्कि भविष्य में इन संसाधनों का सही उपयोग भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।

चुनाव से पहले कांग्रेस की बड़ी रणनीति

यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब कांग्रेस कई राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी हुई है। बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए पार्टी अपनी रणनीति को मजबूत कर रही है। इस नए विभाग के जरिए पार्टी अपनी संपत्तियों का प्रभावी प्रबंधन कर सकेगी और चुनावी तैयारियों के लिए संसाधनों का सही इस्तेमाल करने में सक्षम होगी।

क्या होगा आगे?

विजय इंदर सिंगला के नेतृत्व में यह विभाग देशभर में कांग्रेस की संपत्तियों की सूची तैयार करेगा, उनकी कानूनी स्थिति की जांच करेगा और उनका सही मूल्यांकन करेगा। इससे पार्टी को न केवल अपनी विरासत को संरक्षित करने में मदद मिलेगी, बल्कि यह भी स्पष्ट होगा कि कांग्रेस के पास वास्तव में कितनी संपत्ति है और उसका सही तरीके से उपयोग कैसे किया जा सकता है। आने वाले दिनों में इस कमेटी की रिपोर्ट से कांग्रेस के आर्थिक ढांचे और संपत्ति प्रबंधन की स्थिति पर और अधिक स्पष्टता मिलने की उम्मीद है। 

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