बाराबंकी पुलिस की एक शर्मनाक घटना ने एक बार फिर प्रदेश की पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुई इस घटना में पुलिसकर्मियों द्वारा न केवल अभद्रता की गई, बल्कि समझौते के लिए भी दबाव डाला गया। पीड़िता के मामा से 50 हजार रुपये भी ऑनलाइन ट्रांसफर कराए गए।
लेकिन, लखनऊ से मात्र 20 किमी दूर इस गंभीर घटना के बावजूद सीनियर पुलिस अधिकारियों ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और न ही पीड़िता की शिकायत पर ध्यान दिया गया। इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या हमारे कानून के रखवाले खुद कानून तोड़ रहे हैं? क्या ऐसे मामलों में त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाएगी?
एसपी ने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाएं पुलिस की छवि को खराब करती हैं, और पुलिस का कर्तव्य है कि वह पीड़ितों की सहायता और सुरक्षा सुनिश्चित करे, न कि उनके साथ अभद्रता और दुर्व्यवहार किया जाए। मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं ताकि न्याय हो सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।