दिल्ली के श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि सरकार गिग और मंच श्रमिक के लिए कल्याण बोर्ड और योजनाएं बनाएगी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मिश्रा ने गिग श्रमिकों (अस्थायी तौर पर काम करने वाले कर्मचारियों) और स्विगी, जोमैटो, ब्लिंकिट, उबर, अर्बनक्लैप और बिगबास्केट सहित प्रमुख मंचों और एग्रीगेटर के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की।

इस सत्र ने गिग श्रमिकों को सरकार और एग्रीगेटर के सामने सीधे अपनी चिंताओं को रखने के लिए एक मंच दिया। बयान के मुताबिक श्रमिकों ने अधिक काम के घंटे, अपर्याप्त भुगतान और प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली के अभाव जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का जिक्र किया।

मिश्रा ने कहा, इन सभी समस्याओं का समाधान मंच और एग्रीगेटर के सहयोग से किया जाएगा। सरकार गिग और मंच श्रमिकों के लिए कल्याण बोर्ड बनाएगी और उनके लिए योजनाएं बनाएगी। उन्होंने मंच और एग्रीगेटर को यह भरोसा भी दिया कि उन्हें किसी भी तरह से निरीक्षकों या किसी अन्य अधिकारी से उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ेगा।

मिश्रा ने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार ने इन पहलों के लिए वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में 10 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। गिग अर्थव्यवस्था भारत में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है, जो वर्तमान में देश भर में लगभग एक करोड़ लोगों को रोजगार दे रही है।

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