देश की राजधानी दिल्ली में बाढ़ का खतरा अभी भी बना हुआ है। पहाड़ी इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश के चलते हथिनी कुंड बैराज में भारी मात्र में पानी पहुंचा है इसी कारण लगातार पानी भी छोड़ा जा रहा है। यमुना का पानी 21 जुलाई को खतरे के निशान को पार कर रहा था। फिर आज शनिवार 22 जुलाई को दोपहर 3 बजे यमुना का जलस्तर गिरकर 205.17 मीटर हो गया है, लेकिन देर शाम के बाद यमुना का जलस्तर फिर बढ़ने की संभावना जताई गई है। हथिनी कुंड बैराज से 2.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से यमुना नदी में एक बार फिर उफान दिख रहा है। रविवार शाम तक यमुना का जलस्तर 206.70 मीटर पहुंचने का पूर्वानुमान है। इसकी संभावना को देखते हुए शासन ने निचले इलाकों में दौरा करना शुरू कर दिया है। कभी भी जलस्तर में एकाएक बढ़ोतरी होने की संभावनाओं के बीच प्रशासन ने तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को वहां से दूर रहने की चेतावनी दी है। बता दें कि एक क्यूसेक का मतलब 28.32 लीटर प्रति सेकेंड पानी होता है।
जलस्तर बढ़ने के पूर्वानुमान व्यक्त किए जाने के बाद दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को बाढ़ संभावित क्षेत्रों पर नजर रखने तथा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का पुख्ता इंतजाम करने को कहा है। बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों पर नजर रखने तथा बाढ़ संभावित क्षेत्रों में समय रहते जरूरी कदम उठाने की सलाह दी है। निचले इलाकों के लिए अलर्ट जरी किया गया है। यहां के लोगों को तट से दूर जाने की सलाह दी गई है।
पहाड़ी राज्य जैसे हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण पिछले दो-तीन दिनों में दिल्ली में यमुना का जलस्तर एक बार फिर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया था। इससे दिल्ली में दोबारा बाढ़ की संभावना बढ़ गई है। CWC के डेटा के मुताबिक दो दिन पहले छह बजे यमुना का जल स्तर 205.34 मीटर तक पहुंच गया था।
मौसम विभाग ने अगले दो- तीन तक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में छिटपुट स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश का अनुमान लगाया है। बता दें कि यमुना का जलस्तर 13 जुलाई को 208.66 मीटर के साथ हीं अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंचने के कारण कई इलाके में बाढ़ का पानी आ गया था। पानी घुसने के चलते 27000 से ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा था। अब फिर हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।