दिवाली के दौरान दिल्ली में आतिशबाजी पर जारी प्रतिबंध के मद्देनजर आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दोहराया कि यह प्रतिबंध धर्म का मामला नहीं है, बल्कि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एक प्रयास है। एक संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दिवाली मूलतः प्रकाश का उत्सव है और आतिशबाजी से होने वाले प्रदूषण का नकारात्मक प्रभाव स्थायी होता है, खासकर बच्चों पर।

केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट भी कह रहे हैं कि प्रदूषण को देखते हुए हमें पटाखे नहीं जलाने चाहिए, हमें दीये जलाने चाहिए। यह पटाखों का नहीं बल्कि रोशनी का त्योहार है। ऐसा नहीं है कि हम किसी पर एहसान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी प्रदूषण होगा, उसका खामियाजा हमारे बच्चों को भुगतना पड़ेगा, इसलिए इसमें हिंदू-मुसलमान जैसा कुछ नहीं है। सबकी जान जरूरी है। अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने अक्टूबर महीने के अंत से पहले सभी सफाई कर्मचारियों को वेतन और दिवाली बोनस भेज दिया है।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के सफ़ाईकर्मियों के लिए ख़ुशख़बरी है। भाजपा के समय सफ़ाईकर्मियों को अपनी सैलरी के लिये धरना प्रदर्शन करना पड़ता था, 6-6 महीने तनख़्वाह नहीं मिलती थी। लेकिन दो साल में एक भी बार ऐसा नहीं हुआ कि सफ़ाईकर्मियों को समय पर सैलरी ना मिली हो। उन्होंने कहा कि अब आप सरकार में सफ़ाईकर्मियों को महीने के पहले हफ़्ते में ही तनख़्वाह मिल जाती है।

उन्होंने कहा कि एमसीडी की आप सरकार ने नवंबर में 64,000 सफ़ाई कर्मियों के खाते में नवंबर की सैलरी डाल दी है जो कि 7 तक मिलनी थी। एमसीडी ने कुल 23 करोड़ रुपये का डिस्काउंट दिया। अब सभी सफ़ाई कर्मी अपने परिवार के साथ ख़ुशी-ख़ुशी मना सकते हैं।

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