दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा एवं दिल्ली भाजपा के सभी सांसदों ने आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में आयुष्मान योजना लागू ना करके आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली के सभी वर्गों के बुजुर्गों के साथ अन्याय किया है और इसलिए दिल्ली भाजपा के सभी सांसदों द्वारा इस योजना को लागू करने के लिए अब कानून का रास्ता अपनाने का निर्णय लिया गया है।

संवाददाता सम्मेलन को वीरेन्द्र सचदेवा के साथ सांसद एवं केन्द्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा, सांसद मनोज तिवारी, रामवीर सिंह बिधूड़ी, योगेन्द्र चंदोलिया, कमलजीत सहरावत, प्रवीण खंडेलवाल एवं सुबांसुरी स्वराज ने संबोधित किया। मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर द्वारा संचालित प्रेसवार्ता में मीडिया रिलेशन प्रमुख विक्रम मित्तल उपस्थित थे।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने  दिल्ली और बंगाल में आयुष्मान योजना लागू ना करने के लिए जो अपनी वेदना व्यक्त की उससे साफ है कि केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को सिर्फ अपनी गंदी राजनीति की वजह से मुफ्त स्वास्थ्य सेवा से वंचित रखा है। उन्होंने कहा कि 2021 में विधानसभा में मनीष सिसोदिया ने घोषणा की थी कि वह आयुष्मान योजना लागू करेंगे लेकिन बातों से पलटना आम आदमी पार्टी का चरित्र है और आज 3 साल बाद भी स्थिति यह है कि आयुष्मान योजना दिल्ली के अंदर अभी तक लागू नहीं हो पाई है।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि किसी भी गरीब मजदूर, रिक्साचालक, बस या रिक्शा चालक या फिर आपके या हमारे किसी भी वर्ग व्यक्ति के लिए आयुष्मान योजना सबके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के माध्यम से मुफ्त इलाज की व्यवस्था की लेकिन सिर्फ राजनीतिक द्वेष के कारण अरविंद केजरीवाल ने उसे दिल्ली में लागू नहीं होने दिया।  उन्होंने कहा कि देश भर में 6 करोड़ लोग इससे लाभ पाने वाले लाभार्थी है पर दिल्ली इससे अछूता है।

सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल को चुनौती दी है कि 500 मोहल्ला क्लीनिक का दावा करने वाले केजरीवाल दिल्ली के में 300 चालू मोहल्ला क्लीनिक दिखायें। सचदेवा ने कहा कि माननीय पी.एम. जब अपनी वेदना व्यक्त कर रहे थे तो सांसदों ने एक निर्णय लिया और दिल्ली हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर कर दी है और अब आयुष्मान योजना का लाभ दिल्ली वालों को मिले इसकी लड़ाई हम क़ानूनी तौर पर लड़ेंगे।

सुबांसुरी स्वराज ने कहा कि सितंबर 2023 में एक व्यक्ति को आर्थिक मदद माँगी क्योंकि हिप रिप्लेसमेंट की ज़रूरत थी लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी और इसके बाद वह हाईकोर्ट चले जाते हैं, जहाँ हाइ कोर्ट उनकी याचिका को पी.आई.एल. में तब्दील करता है।

अब एमाइकस-क्योरी जो कोर्ट द्वारा नामांकित लॉयर ने इस तरह से दिल्ली आरोग्य योजना की सच्चाई बताई कि किस तरह से एक इंसान को दर दर की ठोकरें खानी पड़ती है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने कमेटी का गठन किया और मई में कमेटी ने रिपोर्ट भी दी लेकिन आज तक उसे लागू नहीं किया गया मतलब साफ़ है कि केजरीवाल सरकार को काम से नई से राजनीति से मतलब है।

बांसुरी स्वराज ने कहा की कोई भी सरकार अगर एक दशक से ज़्यादा सत्ता में है तो स्वाभाविक सी बात है कि विकास कार्य और ख़ासकर हेल्थ मॉडल का बखान करने वाली सरकार हेल्थ सेक्टर में कुछ अच्छा काम करेगी लेकिन दिल्ली के अंदर यदि 2014 में अस्पतालों की संख्या 94 थी वह आज 92 हो गए हैं इतना ही नहीं मैटरनिटी क्लीनिक की संख्या जो 265 थी वह घटकर 124 रह गये हैं।

हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि आयुष्मान योजना प्रधानमंत्री की बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना जिसके अंतर्गत 50 करोड़ से ज्यादा लोगों ने पंजीकरण कराया है और 6 करोड़ से ज्यादा लोगों ने इसका लाभ उठाया है। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ दिल्ली में लागू नहीं किया है और उसका कारण है कि अरविंद केजरीवाल को भाजपा वालों से दुश्मनी है लेकिन वह इसका बदला दिल्लीवालों से ले रहे हैं। विधानसभा में जब दिल्ली की जनता का दवाब था तो उन्होंने ऐलान कर दिया लेकिन आज वह इसे लागू ना करके दिल्लीवालों को गुमराह कर रहे हैं।

रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली के उस वक्त के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया झूठे हैं। नेता विपक्ष के तौर पर मैंने विधानसभा में यह बात उठाई थी कि दिल्ली में आयुष्मान योजना लागू की जाए और उस वक्त सिसोदिया ने इसे लागू करने की बात कही लेकिन आज तक उसे लागू नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि माननीय सुप्रिम कोर्ट ने एक टिपण्णी दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था को बूचड़खाने से भी बदतर बताया है।

योगेन्द्र चंदोलिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का हेल्थ मॉडल क्या है इसका सबसे बड़ा उदाहऱण है कि मेरे संसदीय क्षेत्र में 4 अस्पताल है और उन अस्पतालों में में से दो में एम.एस. नहीं है, 2 अस्पताल सिर्फ मरीज को रेफर करने के अलावा और कोई ट्रीटमेंट नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि आज मोहल्ला क्लीनीक चीख चीख कर इनके हेल्थ मॉडल की पोल खोल रहे हैं। कोर्ट का जो फैसला आएगा उसके बाद शायद उम्मीद है कि केजरीवाल सरकार कुछ परिवर्तन करें।

कमलजीत सहरावत ने कहा कि आज हमारे पास लोग आते हैं उनका लगातार किसी ना किसी तरीके से शिकायत होती है। हमारे पास कई तरह के संदेश आते हैं जिसमे इमरजेंसी और लाचारी के अलावा हेल्थ विभाग की खस्ता हालात के बारे में साफ लिखा होता है। उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह है कि किसी को इंजेक्शन नहीं मिल रहा तो किसी को दवाईयां नहीं मिल रही है।

प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि आज अगर दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाएं अच्छी होती तो हमारे पास लोगों के कम्प्लेन नहीं आती। अकेले चांदनी चौक लोकसभा में 4 लाख से अधिक बुजुर्ग रहते हैं जिनको केन्द्रीय योजना से लाभ मिलेगी । हमने इंतजार किया कि राजनीतिक हठधर्मिता छोड़ केजरीवाल आयुष्मान योजना को दिल्ली में लागू करते लेकिन वह हर चीज को राजनीतिक तराजू पर तौलते हैं।

मनोज तिवारी ने कहा कि गरीब जनता से लेकर के बुजुर्गों तक को जो सुविधा देने की बात देश के प्रधानमंत्री कर रहे हैं वह सिर्फ दिल्ली में इसलिए रुकी हुई है क्योंकि यहां के मुख्यमंत्री को उसमें भी राजनीति दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल सुविधा ना तो गरीबों को लेने दे रहे हैं और ना ही बुजुर्गों को। इसलिए आज उन्होंने कहा कि आज देश के लोग भी दिल्ली के बारे में चर्चा करना शुरु कर चुके हैं। हम लोगों को न्याय दिलाने के लिए कोर्ट गए हैं और हमें विश्वास है कि हमें न्याय मिलेगा।

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