राजस्थान के कोटा जिले के रामगंज मंडी के मोड़क इलाके में रविवार सुबह एक निर्माणाधीन टनल का हिस्सा ढह गया। यह टनल दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का हिस्सा है। इस हादसे में एक श्रमिक की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए।
घटना के समय मजदूर टनल के भीतर काम कर रहे थे। अचानक टनल का एक हिस्सा गिर गया और मलबे में चार मजदूर दब गए। अन्य मजदूरों ने मलबे से अपने साथियों को बाहर निकाला। हादसे के बाद घायल मजदूरों को पहले मोड़क के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए कोटा रेफर कर दिया गया।
टनल दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का अहम हिस्सा है और इसे मुकुंदरा टाइगर रिजर्व (दरा) के पास पहाड़ियों के नीचे बनाया जा रहा है। यह टनल 4.9 किमी लंबी होगी और 8 लेन की इस सुरंग पर 1200 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसका निर्माण 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
टनल को विशेष रूप से ग्रीन कॉरिडोर के रूप में डिजाइन किया गया है, जिससे वन्यजीवों की आवाजाही में कोई बाधा न हो। इसके ऊपर से वन्यजीव, विशेष रूप से बाघ, गुजर सकेंगे, जबकि नीचे से वाहन गुजरेंगे। इसे साउंडप्रूफ तकनीक से बनाया जा रहा है ताकि गाड़ियों की आवाज़ से वन्यजीव प्रभावित न हों।
टनल में दो समानांतर सुरंगें बनाई जा रही हैं, जिनमें से एक वाहन आने और दूसरी वाहन जाने के लिए होगी। प्रत्येक सुरंग चार-चार लेन की होगी। सुरंग का 3.3 किमी हिस्सा पहाड़ के नीचे और 1.6 किमी बाहरी संरचना के रूप में बनाया जाएगा।
घटना की सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारी मौके पर पहुंचे। एनएचएआई के सहायक अभियंता राकेश मीणा ने बताया कि टनल का निर्माण ऑस्ट्रेलियाई इंजीनियरों की देखरेख में अत्याधुनिक तकनीक से किया जा रहा है।
हादसे के समय मजदूर निर्माण स्थल पर काम शुरू करने से पहले ब्रीफिंग के लिए इकट्ठा हुए थे। टनल का हिस्सा गिरने से इलाके में अफरातफरी मच गई। अधिकारियों ने कहा है कि हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।