दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली में 1,40,000 सीसीटीवी कैमरे खरीदे गए थे, लेकिन बीजेपी के 8 विधायकों के इलाकों में इन्हें जानबूझकर नहीं लगाया गया. उन्होंने पूर्व की केजरीवाल सरकार पर पक्षपात करने और भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया.

क्या है पूरा मामला?
आप की पूर्व सरकार ने राजधानी की सुरक्षा और अपराध पर नजर रखने के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में 2000 सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई थी. इस योजना के तहत 1,40,000 कैमरे खरीदे गए, लेकिन आरोप है कि तत्कालीन 8 बीजेपी विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में इन कैमरों को लगाने नहीं दिया गया.

मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, ”उस वक्त की केजरीवाल सरकार ने राजनीतिक द्वेष के चलते विपक्षी विधायकों के इलाकों में कैमरे नहीं लगने दिए. यह जनता के साथ सरासर धोखा है. दिल्ली की सुरक्षा से खिलवाड़ किया गया है.”

राजनीतिक भेदभाव के आरोप
सिरसा ने इस मामले को लेकर पिछली सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि पूर्व सीएम केजरीवाल ने लालच और राजनीति की नाकामी में सभी को पीछे छोड़ दिया है.

बीजेपी नेताओं का कहना है कि पिछली सरकार को जनता की सुरक्षा से ज्यादा अपनी राजनीति बचाने की चिंता थी .उस वक्त विपक्षी दलों के नेता सवाल उठा रहे थे अगर कैमरे खरीदे गए थे, तो उन्हें हर विधानसभा क्षेत्र में समान रूप से क्यों नहीं लगाया गया?

दिल्ली में सीसीटीवी योजना पर पहले भी उठे सवाल
गौरतलब है कि दिल्ली में सीसीटीवी कैमरों की योजना शुरू से ही विवादों में रही है. कई बार सवाल उठ चुके हैं कि कैमरों की क्वालिटी ठीक नहीं है, कई जगह कैमरे खराब पड़े हैं, और कई इलाकों में अब तक कैमरे नहीं लगे हैं.

इससे पहले बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों ने भी इस योजना में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा और बढ़ते अपराध को लेकर उस वक्त का विपक्ष लगातार पिछली सरकार पर निशाना साधता रहा है.

इस मामले को लेकर बीजेपी पिछली सरकार से जवाब मांग रही है और इसकी सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग कर रही है. अब देखना होगा कि पिछली सरकार इन आरोपों पर क्या सफाई देती है और क्या इस मामले में कोई जांच होगी?

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